24 जुलाई तक चलेगा परिवार नियोजन पखवारा
देवरिया . जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को देखते हुये परिवार नियोजन में पुरुषों की सक्रिय सहभागिता बहुत ही जरुरी है. परिवार नियोजन का महत्व समझना महिला व पुरूष दोनों की जिम्मेदारी होती है. लेकिन भारत के पुरुषों द्वारा गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के आकड़े बिलकुल भी प्रभावशाली नहीं है और जब नसबंदी की बात आती है तो यह आंकड़े उससे भी बद्तर हो जाते हैं. जिसे देखते हुए भारत सरकार ने जनसँख्या स्थिरता पखवारा मनाने को निर्धारित किया है. यह पखवारा दो चरणों में मनाया जायेगा.
एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एसएन सिंह ने बताया कि महिलाओं द्वारा परिवार नियोजन के साधनों ओरल पिल्स, छाया पिल्स, अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, व महिला नसबंदी को अपनाया गया है, पर इसके सापेक्ष पुरुष नसबंदी की संख्या बहुत कम है. 2018 -19 में 3942 महिलाओ के सापेक्ष 27 पुरुषों ने नसबंदी कराई. इनकी संख्या बढ़ाने के लिए जनपद में 27 जून से परिवार नियोजन पखवारा दो चरणों में मनाया जाएगा, जिसमें 27 जून से 10 जुलाई तक दंपत्ति संपर्क पखवारा मनाया जाएगा. इस कार्यक्रम में आशा और एएनएम को उनके क्षेत्र के टार्गेट दंपत्ति को चुनकर उनको परिवार नियोजन के साधनों के बारें में जानकारी देनी है साथ ही उन्हे परिवार नियोजन का कोई भी साधन अपनाने के लिए जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा मनाया जाएगा, जिसमें शिविर लगाकर लाभर्थियों को परिवार नियोजन की सुविधाएं दी जाएंगी. इस वर्ष जनसंख्या स्थिरता दिवस की थीम “परिवार नियोजन से निभाए ज़िम्मेदारी, माँ और बच्चे के साथ की पूरी तैयारी” तय की गयी है। जिसमें दो बच्चों के अंतराल पर ज़ोर दिया गया है.
मिलती है प्रोत्साहन राशि
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ राजेंद्र सिंह ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन की बहुत अधिक भूमिका है. इसी के साथ इसमें लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. नसबंदी कराने वाले परूषों 3000 और महिलाओं को 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव के बाद आईयूसीडी एवं गर्भपात के लिए लाभार्थी को 150 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है.