कुशीनगर. उड़ान पूर्व सेफ्टी जाँच के लिए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इण्डिया की टीम शुक्रवार को कुशीनगर पहुंची। टीम ने कई एयरपोर्ट पर जहाजों के सुरक्षित लैंडिंग व टेकऑफ़ से जुड़े कई बिंदुओं पर जाँच पड़ताल की। टीम अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेंगी। प्रथम दृष्टया टीम ने एयरपोर्ट को सुरक्षा लिहाज से उड़ान के लिये फिट नही माना है।
गोरखपुर सिविल एयरपोर्ट के निदेशक ए के द्विवेदी के नेतृत्व में पहुंची चार सदस्यीय टीम ने चहारदीवारी का दर्जन भर जगह से टूटना व रनवे से होकर नकहनी व शाहपुर गांव के मार्ग का होना व उस पर आवागमन को विमानों की सुरक्षित लैंडिंग व टेकऑफ़ के लिये खतरा माना है। टीम का मानना है कि जब तक इन दोनों समस्याओं का समाधान नही होता उड़ान नही हो सकती।
उड़ान के एटीसी को लेकर एक सवाल के जवाब में निदेशक ने कहा कि यह कोई समस्या नही है। मोबाईल एटीसी से भी उड़ान संचालित हो रही है। लोकसभा चुनाव के पूर्व अथारिटी ने उड़ान 3 स्कीम का ब्रोशर जारी कर कर कुशीनगर टू बोधगया व लखनऊ से उड़ान होने की बात कही थी। ब्रोशर के अनुसार इसके लिए टर्बो एविएशन कम्पनी को रूट एलान करना भी जाहिर किया गया। अब अथारिटी के नए रुख से जुलाई में उड़ान स्वप्न साबित हो रहा।
गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक एवं नोडल अधिकारी कुशीनगर एयरपोर्ट ए के द्विवेदी का कहना है आवागमन व चहारदीवारी आदि की जो समस्या है वह जिला प्रशासन को ठीक करना है। सुरक्षा के लिहाज से जुलाई में उड़ान सम्भव नही दिख रही। सुरक्षा खामी ठीक भी कर ली जाए तो दिसम्बर तक का समय लग जाएगा। वैसे भी उड़ान के लिये चयनित एविएशन कम्पनी उड़ान को लेकर अभी तक कोई रूचि नही दिखाई है।