महराजगंज. महराजगंज के पोषण पुनर्वास केन्द्र में 16 माह में 1185 कुपोषित बच्चे भर्ती हए. इनमें 579 बालक तो 606 बालिकाएं थीं .
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डाक्टर आरबी राम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती होने वाले कुपोषितों को समुचित इलाज के साथ पोषक आहार दिए जाते हैं.
पोषण पुनर्वास केन्द्र में वर्ष 2018- 2019 में कुल 1053 कुपोषित भर्ती कराए गए। जिसमें 530 बालक व 523 बालिकाएं थी। इसी प्रकार अप्रैल 2019 से लेकर जुलाई 2019 तक कुल 132 कुपोषित भर्ती हुए, जिसमें 49 बालक व 83 बालिकाएं हैं।
उन्होंने बताया कि छह माह से 5 साल तक के कुपोषितों को शुरूआती दौर में 14 दिन रखकर समुचित इलाज व पोषक आहार दिया जाता है।
सीएमएस ने बताया कि वर्ष 2013 से संचालित दस बेड वाले पोषण पुनर्वास केन्द्र में इस समय छह कुपोषित बच्चों का इलाज व देखभाल किया जा रहा है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र की आहार परामर्शदाता पूजा त्रिपाठी ने बताया कि यहां भर्ती होने वाले बच्चों के लिए स्पेशल डाइट तैयार की जाती है। दूध, खिचड़ी, हलुवा सहित कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा जैसे ऊपरी पोषण तथा दिए जाते हैं। बच्चों के साथ आने वाली मां को भी भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर दो स्टाफ नर्स मंजू यादव व अंकिता श्रीवास्तव है,जबकि एक केयर टेकर, एक दाई तथा एक कुक की भी तैनाती है।
धानी क्षेत्र के ग्राम गेरूई निवासी सुशीला ने बताया कि वह अपने कुपोषित बच्चे श्याम( एक साल) को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के लोगों के सहयोग से तीन अगस्त को यहाँ लेकर आई है. समुचित इलाज व देखभाल हो रहा है। मेरा उनका बच्चा ठीक हो रहा है। सेहत सुधर रही है.
बनरसिहा की रहने वाली ममता ने बताया कि वह अपनी बेटी सुनैना( दो साल) को लेकर जिला अस्पताल में बीते दो अगस्त को इलाज कराने आई. बेटी को कुपोषित बता कर डाक्टरों ने यहां भर्ती करा दिया.
ग्राम पंचायत त्रिमुहानी निवासी सुधा ने बताया कि उसके 15 माह के बच्चे आर्यन को कुपोषण का शिकार देख ग्राम पंचायत चेहरी की आशा कार्यकर्ता मीरा देवी ने यहां लाकर दस दिन पहले भर्ती कराया। यहां पर हो रहे इलाज व देखभाल से बच्चे की सेहत सुधर रही है।
कुपोषण के लक्षण-
-शरीर में वसा की कमी
-सांस लेने में कठिनाई
-शरीर का कम तापमान
-थकान और चिड़चिड़ापन
-मांसपेशियों में कमजोरी
अति कुपोषण के लक्षण
जिन बच्चों का वजन उम्र के हिसाब से बहुत कम हो, उम्र के हिसाब से लंबाई बहुत कम हो,भुजाओं की मोटाई सामान्य से काफी कम हो,आंखें धंसी हुई हो तथा पेट निकला हुआ हो उसे अति कुपोषित कहा जाता है।