स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया दो हजार आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण
गोरखपुर. जिले की 2000 से अधिक आशा कार्यकर्ता अब गांव-गांव हाइपरटेंशन (ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक), मधुमेह (शुगर) और कैंसर के मरीज ढूंढेंगी और उन्हें इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएंगी। गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया है।
बीआरडी मेडिकल कालेज कैंपस स्थित एएनएमटीसी हाल में चले पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डा. आईवी विश्वकर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों के बारे में आशा कार्यकर्ता समुदाय को जागरूक करेंगी। साथ ही सी-बैक फार्म के माध्यम से 30 साल से अधिक उम्र के लोगों का सर्वे कर उनमें बीमारियों की प्राइमरी स्क्रीनिंग भी करेंगी।
एसीएमओ डा. विश्वकर्मा ने बताया कि लक्षित समुदाय के पास पहुंच कर आशा कार्यकर्ता उनसे सवाल करेंगी और लक्षणों के आधार पर स्कोर दर्ज करेंगी। जिनका स्कोर 4 से अधिक आएगा उन्हें एएनएम सब सेंटर या फिर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएंगी। ऐसे लोगों को आवश्यकता पड़ने पर उच्च चिकित्सा केंद्रों तक रेफर करा कर इलाज करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जंगल कौड़िया स्वास्थ्य केंद्र के डा. अखिलेश पासवान, भटहट स्वास्थ्य केंद्र के डा. जेपी कुशवाहा, सरदारनगर के डा. हरिओम पांडेय आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षण की प्रतिभागी आशा कार्यकर्ताओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डा. प्रतीक श्रीवास्तव, अजय सिंह और अल्का शुक्ला समेत 55 आशा कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।
सी-बैक फार्म खोलेगा बीमारी का राज
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सी-बैक फार्म के जरिए आशा कार्यकर्ता सर्वे करते समय उम्र, टोबैको हिस्ट्री, एल्कोहल हिस्ट्री, कमर की नाप, शारीरिक व्यायाम और परिवार में बीमारी की हिस्ट्री को दर्ज करेगी। इन सभी बिंदुओं पर स्कोर निर्धारित हैं। अगर यह स्कोर चार से ज्यादा हो जाता है तो संबंधित व्यक्ति को गैर संचारी रोग की चपेट में माना जाएगा और उसे इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले आएंगे।
पहली बार करेंगे यह काम
डेरवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के बेहसनी गांव की आशा कार्यकर्ता गीता देवी और भाटपार नेवादा की आशा कार्यकर्ता सुनीता शाही ने बताया कि पहली बार उन्हें इस प्रकार का काम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। गैर संचारी रोग जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, मुंह के कैंसर, स्तन कैंसर और सरवाइकल कैंसर के बारे में उन्हें बताया गया है। वह अपने इलाके में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के बीच सर्वे कर इन बीमारियों के मरीजों का पता लगाएंगी।
264 सब सेंटर कवर होंगे
जिले में कुल 529 एएनएम सब सेंटर हैं। इनमें से पिछले वित्तीय वर्ष तक 132 सब सेंटर की 1070 आशा कार्यकर्ताओं को गैर संचारी रोग निंयत्रण कार्यक्रम को लेकर जनजागरूकता के लिए प्रशिक्षित किया गया था। इस साल कार्यक्रम में सब सेंटर की संख्या बढ़ कर 264 हो गयी है और कुल 2043 आशा कार्यकर्ता कार्यक्रम को लेकर प्रशिक्षित हो चुकी हैं, जो न केवल जागरूकता फैलाएंगी बल्कि रोगियों को ढूंढने में भी मदद करेंगी।