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निजी अस्पतालों को राष्ट्रीय योजनाओं से जोड़ेगा स्वास्थ्य विभाग

जिले के सभी पंजीकृत निजी अस्पतालों के चिकित्सकों का 8 राष्ट्रीय योजनाओं के लिए संवेदीकरण प्रशिक्षण होगा

जेई-एईएस, डेंगू, टीबी जैसी बीमारियों के नोटिफिकेशन के साथ लोगों को जागरूक करेंगे प्रशिक्षित निजी चिकित्सक

 गोरखपुर। जिला प्रशासन की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग सभी पंजीकृत निजी अस्पतालों के चिकित्सकों का स्वास्थ्य से जुड़ी 8 राष्ट्रीय योजनाओं के प्रति संवेदीकरण करेगा। इसके लिए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की अध्यक्षता में आगामी 31 अगस्त को संवेदीकरण कार्यशाला होगी। इस कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले निजी चिकित्सक जेई-एईस, डेंगू, चिकनगुनिया, टीबी, कुष्ठ रोग, मिजल्स, एएफपी जैसी बीमारियों का नोटिफिकेशन तो करेंगे ही साथ में जनता को इन बीमारियों के प्रति जागरूक भी करेंगे।

मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कार्यशाला में निजी चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए सभी संबंधित नोडल अधिकारी और उनके कंसल्टेंट तैयारी कर रहे हैं। एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, पीसीपीएनडीटी, बायो मेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी), जेएसवाई व जेएसएसके, परिवार नियोजन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, जेई-एईएस एवं डेंगू से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ कर लाभार्थियों को उस प्रोत्साहन राशि व उन सुविधाओं का लाभ दिलाना है जो भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों को दे रही है।
सीएमओ ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में प्रशासनिक सहयोग से यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग आयोजित करवा रहा है। सभी निजी अस्पतालों को प्रतिभागिता के लिए पत्र भेजे जाएंगे। अस्पतालों से कहा गया है कि अपने यहां से कम से कम एक चिकित्सक की प्रतिनिधि के तौर पर प्रतिभागिता अवश्य सुनिश्चित कराएं।

400 को भेजेंगे चिट्ठी

जिले में करीब 400 निजी अस्पताल सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत हैं। इन सभी अस्पतालों को पत्र भेजा जाएगा। विभाग का मानना है कि इनमें से करीब 250-300 अस्पतालों से कार्यशाला में अवश्य प्रतिभागिता हो जाएगी। प्रतिभाग करने वाले चिकित्सकों को नोडल अधिकारी डा. आईवी विश्वकर्मा, डा. नंद कुमार, डा. रामेश्वर मिश्रा, डा. एनके पांडेय और डा. एके पांडेय अपने सहयोगी कंसल्टेंट डा. संचिता, मृत्युंजय पांडेय, डा. मुस्तफा खान, धर्मवीर, एसपी मौर्या, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ विनोद मिश्र, केपी शुक्ला और डा. सिद्धेश्वरी सिंह की मदद से प्रशिक्षित करेंगे।

ऐसे मिलेगा फायदा
सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं जिनका लाभ वे मरीज नहीं ले पाते जो निजी अस्पतालों में इलाज करवाते हैं। खुद निजी चिकित्सकों को भी इन योजनाओं की जानकारी नहीं होती जिसके कारण वे खुद तो लाभ से वंचित होते ही हैं, मरीज को भी वंचित कर देते हैं। जैसे पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी मरीज को नोटिफाई करने वाले निजी चिकित्सकों को 500 रुपये की प्रोत्साहन रकम मिलती है और जो मरीज नोटिफाई हो जाता है उसे भी 500 रुपये की पोषण राशि, जब तक इलाज चलता है तब तक मिलती है। ऐसे में अगर निजी चिकित्सक मरीज को नोटिफाई न करें तो दोनों का नुकसान होता है। ऐसी ही योजनाओं के संबंध में इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जानकारी दी जाएगी।

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