एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित की गयीं आशा कार्यकर्ता
देवरिया, एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में शुक्रवार को एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत छ्ह ब्लाकों की नव नियुक्त आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया. इसमे प्रशिक्षकों द्वारा क्षेत्र में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को नवजात शिशु व मां की देखभाल के बारे में प्रशिक्षण दिया गया.
गृह आधारित नवजात शिशु प्रशिक्षण (एचबीएनसी) कार्यक्रम के तहत जिला प्रशिक्षक डॉ अजीत श्रीवास्तव व ट्रेनर रणजीत बहादुर सिंह, आरती शर्मा, रागिनी दीक्षित द्वारा महेन, भलुअनी, बैतालपुर, भटनी, देसाई देवरिया, बनकटा क्षेत्र में कार्यरत 30 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान बताया गया कि नवजात शिशु के घर जाने के बाद उसकी तथा उसकी मां की देखभाल करनी होगी. किसी भी प्रकार की चिकित्सा नवजात शिशु और धात्री माताओं को दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहना होगा. नवजात शिशु एवं धात्री के घर पर सात बार दौरे करते हुए उनको ख़तरे से बचा कर रखना होगा. छह माह तक महिला द्वारा अपने बच्चे को केवल स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें. रोग से बचाव के लिए समय पर नवजात शिशु का टीकाकरण कराना होगा. नवजात शिशु को छूने से पहले अपने हाथ धोने जरूरी है. नवजात शिशु और महिला के वजन पर नजर रखें। साथ ही, दस्त लगने पर घरेलू उपचार ओआरएस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए जागरूक किया गया.
प्रशिक्षण में रजनी सिंह, रम्भा, सरिता गुप्ता, प्रतिमा चौहान सहित अन्य आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं.
माँ को स्तनपान के लिए करेंगी प्रेरित
भटनी की आशा कार्यकर्ता रम्भा ने कहा कि प्रशिक्षण में नवजात शिशु के घर जाने के बाद उसकी तथा उसकी मां की देखभाल करने के बारे में बताया गया. नवजात की माँ को छह माह तक केवल स्तनपान करने के लिए प्रेरित करने बारे में बताया गया. इसके तहत क्षेत्र में नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम निरंतर किया जायेगा.
एक साल में 80 हजार बच्चों की हुई एचबीएनसी
डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने कहा कि पिछले एक वर्ष में 80 हजार से अधिक बच्चों कि एचबीएनसी की गई है. अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 80509 बच्चों की एचबीएनसी हुई है. इसके तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर नवजात शिशु और उसके माँ की देखभाल की गई. नवजात शिशु एवं धात्री के घर पर सात बार भ्रमण कर स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराया गया.