पोषण अभियान में बीआरजी समूह को दिया टिप्स
देवरिया। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय के धन्वन्तरि सभागार
में शनिवार को पोषण अभियान केतहत आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स को एनीमिया की
रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र
कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुए प्रथम बैच के प्रशिक्षण में प्रशिक्षक
डीसीपीएम एनएचएम राजेश गुप्ता ने कहा कि एनीमिया गंभीर स्वास्थ समस्या
है. यह मानसिक और शारीरिक क्षमता को प्रभावित करती है.
उन्होंने कहा कि सुरक्षित मां सुरक्षित बच्चे की अवधारणा के तहत चलने
वाले इस कार्यक्रम को सुचारू बनाने के लिये आंगनबाड़ी सुपरवाइजर आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों को प्रेरित करें. हमारा उद्देश्य गर्भवती एवं धात्री
महिलाओं को एनीमिया के दुष्परिणामों की जानकारी देना, आईएफए टेबलेट व
सिरप देना, आयरन देना, हिमोग्लोबिन की जांच करना, कृमिनाशक गोलियों का
सेवन कराना है. गर्भवस्था के समय दूसरी तिमाही से एक गोली प्रतिदिन 100
दिनों तक, प्रसव के बाद या गर्भधारण के बीच एक गोली प्रतिदिन 100 दिन तक
लेने की सलाह दें. इसके लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सीरप व गोली उपलब्ध
कराये जायेंगे.
इस अवसर पर प्रशिक्षक अजीत तिवारी, सीडीपीओ दयाराम सहित 50 आंगनबाड़ी
सुपरवाइजर मौजूद रहीं.
में शनिवार को पोषण अभियान केतहत आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स को एनीमिया की
रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र
कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुए प्रथम बैच के प्रशिक्षण में प्रशिक्षक
डीसीपीएम एनएचएम राजेश गुप्ता ने कहा कि एनीमिया गंभीर स्वास्थ समस्या
है. यह मानसिक और शारीरिक क्षमता को प्रभावित करती है.
उन्होंने कहा कि सुरक्षित मां सुरक्षित बच्चे की अवधारणा के तहत चलने
वाले इस कार्यक्रम को सुचारू बनाने के लिये आंगनबाड़ी सुपरवाइजर आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों को प्रेरित करें. हमारा उद्देश्य गर्भवती एवं धात्री
महिलाओं को एनीमिया के दुष्परिणामों की जानकारी देना, आईएफए टेबलेट व
सिरप देना, आयरन देना, हिमोग्लोबिन की जांच करना, कृमिनाशक गोलियों का
सेवन कराना है. गर्भवस्था के समय दूसरी तिमाही से एक गोली प्रतिदिन 100
दिनों तक, प्रसव के बाद या गर्भधारण के बीच एक गोली प्रतिदिन 100 दिन तक
लेने की सलाह दें. इसके लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सीरप व गोली उपलब्ध
कराये जायेंगे.
इस अवसर पर प्रशिक्षक अजीत तिवारी, सीडीपीओ दयाराम सहित 50 आंगनबाड़ी
सुपरवाइजर मौजूद रहीं.
70 प्रतिशत से अधिक गर्भवती एनीमिया से पीड़ित
डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने कहा कि जनपद में 70 प्रतिशत से अधिक गर्भवती
महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी
रक्त निर्माण करना पड़ता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की
संभावना होती है. एनीमिया एक गंभीर बीमारी है. इसके कारण महिलाओं को अन्य
बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है. एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की
प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है.
महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी
रक्त निर्माण करना पड़ता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की
संभावना होती है. एनीमिया एक गंभीर बीमारी है. इसके कारण महिलाओं को अन्य
बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है. एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की
प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है.
एनीमिया के लक्षणत्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं
बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में, बेहोश
होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना, चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई
देना एनीमिया के लक्षण हैं.
बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में, बेहोश
होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना, चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई
देना एनीमिया के लक्षण हैं.