बुखार से पीड़ित 250 लोगों को दी गयी दवा, 182 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए
तुर्कमानपुर में 3 लोगों में 3 की पुष्टि
गोरखपुर. शहरी स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर और तुर्कमानपुर की टीम ने शुक्रवार को शहर के तुर्कमानपुर में स्वास्थ्य शिविर लगा कर मरीजों की जांच की। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डा. आईवी विश्वकर्मा एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ ए के पाण्डेय ने शिविर का शुभारंभ किया। इसके माध्यम से लोगों के बीच डेंगू को लेकर पैदा हुए भ्रम के प्रति जनजागरूकता का कार्य किया गया.
टीम ने कुल 375 मरीजों की सेहत जांची जिसमें 250 लोगों में बुखार की शिकायत मिली। कुल 57 लोगों की मलेरिया स्लाइड बनायी गयी और 125 लोगों के रक्त के नमूने लिये गए।
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी व एसीएमओ ने बताया कि सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी के निर्देश पर शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि तुर्कमान में प्रकाश में आए जिन डेंगू मरीजों के सैंपल लिए गए थे उनमें केवल 3 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। विश-जीएसके के सहयोग से आयोजित शिविर में जिन मरीजों के नमूने लिए गए हैं उनका रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डा.एके पांडेय ने बताया कि जनपद में अब तक डेंगू के कुल 34 मामले पुष्ट हुए हैं। उन्होंने बताया कि वायरल फीवर में भी प्लेटलेट घटने लगता है। इसे लेकर लोगों में यह आशंका भी घर कर जाती है कि उन्हें डेंगू है।
इस अवसर पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. पल्लवी श्रीवास्तव, डा. दिशा चौधरी, अंजुम गुलरेज और वेद प्रकाश दूबे प्रमुख रूप से मौजूद रहे। मलेरिया एवं फाइलेरिया की टीमों ने पूरे एरिया में डेंगू के लार्वा को समाप्त करने का अभियान चलाया।
शिविर में दूर हुआ भ्रम
तुर्कमानपुर निवासी 25 वर्षीय अबरार को 5 दिन से बुखार था। वह कई निजी चिकित्सकों को दिखा चुके थे। उनका प्लेटलेट भी डाउन हो रहा था। उन्हें भय था कि वह डेंगू पीड़ित हैं। शिविर में चिकित्सकों ने पुष्ट किया कि वह वायरल से पीड़ित हैं। अबरार ने बताया कि उन्हें निशुल्क दवाईयां दी गईं और बताया गया कि प्लेटलेट घटने का मतलब डेंगू होना नहीं है।
ये लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों में दर्द
• तेज़ बुखार
• मसूड़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया
डेंगू को समझिए
• प्लेटलेट का कम होना हमेशा डेंगू नहीं होता है।
• समय से अस्पताल आने पर डेंगू का सस्ता इलाज संभव है।
• समय से चिकित्सालय पहुंचने पर डेंगू जानलेवा रूप नहीं धारण करता।
• चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण एक तरह के होते हैं। चिकित्सकीय जांच के बाद ही पता चल सकता है कि मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया।
• चिकनगुनिया के खतरनाक अवस्था में शरीर झुक जाता है और वह कभी ठीक नहीं होता।
• डेंगू और चिकगुनिया एक ही प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है और दोनों बीमारियों के मच्छर दिन में काटते हैं।
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मच्छरों से बचाव कर हम चिकनगुनिया और डेंगू समेत सभी मच्छरजनित रोगों पर अंकुश पा सकते हैं।