-21 नवम्बर तक जनपद एवं ब्लाक स्तर पर आयोजित होंगे वर्कशॉप और हैल्दी बेबी शो
-प्रचार-प्रसार कर शिशुओं की देखभाल की दी जाएगी जानकारी
देवरिया। अब नवजात की जान बचाने पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है। शिशु मृत्युदर में कमी लाने को 14 से 21 नवंबर तक ‘नवजात शिशु देखभाल सप्ताह’ मनाया जाएगा। इसमें कंगारू मदर केयर (केएमसी) व स्तनपान को बढ़ावा देने तथा बीमारी शिशुओं की पहचान कर उचित इलाज किया जायेगा।
होम बेस्ड न्यूओनेटल केयर (एचबीएनसी) के नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ बीपी सिंह ने बताया कि 14 नवंबर (बाल दिवस) से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया जा रहा है।नवजात शिशु देखभाल सप्ताह में जनपद एवं ब्लाक स्तर पर वर्कशॉप, हैल्दी बेबी शो व प्रचार–प्रसार किया जाएगा। स्वास्थ्य केन्दों पर तैनात स्टाफ को निर्देश हैं कि किसी शिशु को 48 घंटे से पहले छुट्टी न दी जाए। शिशुओं की देखभाल की जानकारी दी जाएगी। आशा को जन्म से एक वर्ष तक के सभी शिशुओं को टीके लगाने के निर्देश हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे के शुरू के एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान गर्भवती के खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध अवश्य पिलाएं, क्योंकि यह बच्चे का पहला टीका होता है। एक घण्टे के अन्दर नवजात को स्तनपान कराना चाहिए और ऐसा तब सम्भव है, जब हम प्रसूता को इसके बारे में सही जानकारी देंगे। बदलते मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देने ध्यान देने की जरूरत है।
एक हजार में 43 नवजात की होती है मृत्यु
डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी (एसआरएस–2016) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 1000 में से 43 नवजात की मृत्यु होती है। इनमें से 3/4 शिशुओं की मृत्यु जन्म के पहले हफ्ते में ही हो जाती है। जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान और छह माह तक केवल मां का दूध दिए जाने से शिशु मृत्यु दर में 20 से 22 फीसद तक की कमी लाई जा सकती है।