देवरिया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब पहली और दूसरी किश्त के लिए लाभार्थी एक साथ पंजीकरण करा सकते हैं। पहले सभी किश्तों के लिए अलग–अलग रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता था। हालांकि, इस व्यवस्था में केवल रजिस्ट्रेशन एक साथ करने का लाभ है। किश्त की राशि समय सीमा पूरी होने पर ही मिलेगी।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल अधिकारी डा. बीपी सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था से गभर्वती महिला और उसके परिवार के सदस्यों को अब तीनों किश्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए केवल दो बार नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना होगा। पहले प्रत्येक किश्त के लिए अलग–अलग जाना पड़ता था। उन्होंने बताया योजना के तहत पहली बार मां बनने पर सरकार तीन किश्तों में पांच हजार रुपये देती है। पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में किए जाते हैं।
अब नई व्यवस्था के तहत महिला को पहली और दूसरी किश्त के लिए एक साथ रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है। हालांकि, किश्त की धनराशि समय सीमा पूरी होने पर ही मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहली बार मां बनने पर अंतिम मासिक चक्र (एलएमपी) के सौ दिन के भीतर पंजीकरण कराने पर पहली किश्त जारी की जाती है। उसके बाद एलएमपी के 180 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने पर दूसरी किश्त मिलती थी। लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत किश्त की धनराशि तो उसी समय पर ही मिलेगी, लेकिन रजिस्ट्रेशन दोनों का एक साथ हो जाएगा। पहली किश्त के लिए फार्म–1 ए और दूसरी किश्त के लिए 1 बी भरा जाता है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि धन व जागरूकता के अभाव में अधिकतर गर्भवती महिलाएं बेहतर पोषण से वंचित रह जाती हैं। ऐसे लोगों के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत सभी आय वर्ग की महिलाओं को शामिल किया गया है। इससे महिलाओं को समय पर उचित पोषण तो मिलेगा ही साथ ही कुपोषण के कारण होने वली मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
34 हजार महिलाएँ योजना से लाभान्वित
डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि सुरक्षित प्रसव और पोषण के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) चलाई जा रही है। इसमें पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में पाँच हजार रुपए दिये जाते हैं। जनपद में 2017 से लेकर अबतक 34 हजार महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। अब तक इस योजना के तहत करीब 12.35 करोड़ रूपये का भुगतान लाभार्थियों के खाते में किया जा चुका है।