देवरिया । कालाजार उन्मूलन को लेकर संगठन पाथ की पांच सदस्यीय अनराष्ट्रीय टीम बनकटा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँची।टीम सबसे पहले बनकटा पीएचसी पहुंचकर कालाजार का दवा रखने के आईएस स्टोर रूम का निरीक्षण किया।मरीज का कालाजार जांच के लिए स्लाइड सैंपल के लेने के तरीके के बारे में उपस्थित लैब टेक्निशियन से जानकारी ली।
टीम सदस्य स्विट्जरलैंड की रिसर्चर एफिका ले रुट ने पीएचसी प्रभारी डॉ मनीष सिंह से कालाजार प्रभावित गांवों और मरीज़ो के बारे में जानकारी लिया। कालाजार के उन्मूलन के लिए हो रहे उपाय, मरीज़ो की संख्या और उनके स्वास्थ्य को लेकर किस स्तर से उपाय किये जा रहे है।कालाजार से पीड़ित मरीजों की सूची भी देखी और पूछा कि कालाजार पीड़ित मरीज़ो को आशाओ के द्वारा किस तरह देखभाल किया जाता है। डॉ मुरारी लाल दास ने पीएचसी प्रभारी से पूछा कि कालाजार प्रभावित गांवों में दवा का छिड़काव किया गया है या नही ? एफिका ले रुट ने लेबर रूम, ड्रेसिंग रूम,ओपीडी रूम, जेई वार्ड आदि का निरीक्षण किया। उसके बाद टीम ने कालाजार प्रभावित गांव जगदीशपुर और कड़सरवा पहुंची । टीम के सदस्य वेक्टर नेशनल कंसल्टेंट डॉ वी. के. रैना और डॉ मुरारी लाल दास ने ग्रामीणों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता से भी जानकारी लिया। टीम के सदस्यों ने आशा से पूछा कि कैसे आप कालाजार के मरीजों की पहचान करते है? क्या आप घर घर जाकर इसकी जानकारी लेती हैं? इस पर आशा ने कालाजार के लक्षणों के बारे में बताया। आशा ने घर-घर जाकर मरीजों का पता लगाने के लिए काम करने की बात कही। टीम के सदस्यों ने छिड़काव कर्मी से पूछा कि कितनी-कितनी मात्रा में दवा को मिलाकर छिड़काव करते हैं? टीम प्रभावित गांवों में पहुच कर कालाजार पीड़ित मरीजों से भी मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लिया। उनसे पूछा कि यहा के स्वास्थ्य केंद्र द्वारा उनको इलाज मिल पाता है कि नही? इस बीमारी के इलाज लेकर और किसी भी तरह की समस्याओं का सामना तो नही करना पड़ता।इस दौरान पर डॉ चन्द्र प्रकाश मिश्रा, डॉ एस के पाण्डेय,देश दीपक सिंह,मृत्युंजय कुमार,अनूप कुमार,सुबोध द्विवेदी,डॉ रविन्द्र आदि लोग मौजूद रहे।