पुलिस ने लाठियां भांजी, 17 हिरासत में लिए गए, बाद में रिहा किया
गोरखपुर। नागरिकता संशोधन बिल (CAB) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर शुक्रवार को शहर के मुसलमानों का गुस्सा फूट पड़ा। जुमा की नमाज के बाद सैकड़ों की तादाद में मुसलमान सड़क पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया . प्रदर्शन के दौरान पुलिस से काफी नोकझोंक हुई। पुलिस ने एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष मो. इस्लाम, संयुक्त सचिव उप्र नाजिम शाही, महानगर अध्यक्ष अली अकबर, मीडिया प्रभारी मसऊद अशरफ सहित 17 को हिरासत में ले लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.
विरोध मार्च का रूट तुर्कमानपुर सुल्तान खां मस्जिद, पांडे हाता, घंटाघर, रेती चौक, नखास चौराहा, कोतवाली, घोष कंपनी से टाउनहॉल तक था, लेकिन पुलिस ने शुरू में ही प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की. इसके बावजूद सैकड़ों की तादाद में नौजवान कैब व एनआरसी के विरोध में नारा लगाते हुए हुजूम की शक्ल में तुर्कमानपुर से पांडेहाता, घंटाघर चौराहा से होते हुए हाल्सीगंज चौक, पहाड़पुर पहुंचे। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली। जिसके बाद सीओ कोतवाली, सिटी मजिस्ट्रेट मय फोर्स डॉ. जमीर क्लीनिक तुर्कमानपुर के पास पहुंचे। भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी भी भांजी.
तुर्कमानपुर की रहने वाली राना फातिमा व ज़ेबा ने बताया कि उनके घर के फरीद अहमद पुत्र इस्तियाक अहमद, शम्स पुत्र इम्तियाज अहमद को पुलिस ने जबरन घर का गेट खोलवाकर हिरासत में ले लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब घर की महिलाओं ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनको अपशब्द कहे. इसके बाद मोहल्ले वाले आक्रोशित हो गए और राजघाट थाने पहुंचे. परिजनों ने मांग की कि हिरासत में रखे गए युवाओं को जल्द छोड़ा जाए. इसके अलावा 11 युवकों को भी हिरासत में लिया गया था. रात में सभी 13 युवाओं व एआईएमआईएम के चार नेताओं को छोड़ दिया गया. विरोध प्रदर्शन में मस्जिद के इमाम, मदरसा शिक्षक, अवाम व एआईएमआईएम के दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता बैनर व तख्ती लेकर शामिल रहे.
इसी तरह कैब व एनआरसी का विरोध करते हुए एक हुजूम बक्शीपुर, बैंक रोड होता हुआ टाउनहॉल गांधी प्रतिमा के पास पहुंचा. सभी नागरिकता संशोधन बिल वापस लेने की मांग कर रहे थे. लोगों ने एक स्वर में कहा कि केंद्र सरकार का यह बिल धर्म के नाम पर बांटने वाला व असंवैधानिक है. एनआरसी के बायकॉट की मांग जोर-शोर से उठी। बारिश और सर्द मौसम में विरोध प्रदर्शन जोरदार रहा.
प्रदर्शन करने वालों के हाथ में बैनर व पोस्टर था। बैनर पर लिखा था हुकूमत हिन्द से मुतालबा ?, नो कैब नौ एनआरसी, मिनजानिब उलेमा-ए-किराम, आईम्मा मसाजिद व दानिश्वरान शहर गोरखपुर.
कैब व एनआरसी को लेकर शहर के मुसलमानों में काफी बेचैनी थी जो आज विरोध प्रदर्शन के रुप में सामने नजर आयी. शुक्रवार को तकरीबन हर मुस्लिम मोहल्ले में हलचल थी. जहां सभी मुसलमान नहा धोकर जुमा की नमाज की तैयारी में थे, वहीं विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की भी तैयारी कर रखी थी. शहर में जुमा की नमाज दोपहर 12:30 से 2:30 बजे तक अदा की जाती है. तकरीबन हर मस्जिद में भीड़ भी होती है. इसी के मद्देनजर शुक्रवार का दिन व जुमा की नमाज के बाद का वक्त विरोध प्रदर्शन के लिए मुकर्रर किया गया था. दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल पर जुमा की नमाज के दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहां से लोगों की ठीक-ठाक तादाद सुल्तान खां मस्जिद चौराहा तुर्कमानपुर पहुंची. यह विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करने वाला पहला चौराहा था.
दोपहर 2:30 बजे तक यहां ठीक ठाक लोग जुट गए। सभी के सरों पर टोपियां व हाथों में ‘Reject CAB, Boycott NRC’ ‘NO CAB, NO NRC’ सहित तमाम तरह की तख्तियां थीं. सबसे आगे बैनर पर लिखा था मिनजानिब उलेमा-ए-किराम गोरखपुर. विरोध प्रदर्शन पुरअमन तरीके से किया गया. कई जगह पुलिस से हल्की नोकझोंक भी हुई. प्रदर्शन के दौरान तेज बारिश भी हुई.
विरोध प्रदर्शन करने वालों ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर लाया गया है. इसमें एक खास धर्म के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जो अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है. अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार के तहत साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को कानून के समक्ष समता से या कानून के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा. भारतीय संविधान में अनुच्छेद-14 की यही परिभाषा है. इसका मतलब हुआ कि सरकार भारत में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगी.
भारतीय संविधान के भाग-3 समता का अधिकार में अनुच्छेद-14 के साथ ही अनुच्छेद-15 जुड़ा है. इसमें कहा गया है, ‘राज्य किसी नागरिक के खिलाफ सिर्फ धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेद नहीं करेगा.’ कैब संविधान के खिलाफ है. इसे किसी भी रुप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. एनआरसी भी स्वीकार नहीं है. इसीलिए यह विरोध प्रदर्शन किया गया है.