अलीगढ़ में धार्मिक भावनाएं भड़काने के केस में डेढ़ महीने बाद गिरफ्तारी
गोरखपुर। यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने बीआरडी मेडिकल कालेज के निलम्बित प्रवक्ता डा. कफील खान को कल रात 11 बजे मुम्बई में गिरफ्तार कर लिया. उन्हें मुम्बई के सहार पुलिस स्टेशन में रखा गया है. उनके उपर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए-एनआरसी के विरोध में हुई सभा के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला भाषण देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. ये गिरफ्तारी इसी आरोप में की गई है.
डा. कफील खान बिहार में सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन व कार्यक्रम में भागीदारी करने के बाद मुम्बई पहुंचे थे. उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही गिरफ्तार कर लिया गया.
यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि डा. कफील खान के खिलाफ 13 दिसम्बर को अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज किया गया था. इस केस में आरोप लगाया गया है कि डा. कफील खान ने 13 दिसम्बर की शाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गेट पर सम्बोधन के दौरान दो समुदायों के प्रति नफरत फैलाने वाला भाषण दिया.
डा. कफील खान को ढाई वर्ष के अंदर चौथी बार गिरफ्तार किया गया है. बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में 10 अगस्त 2017 को हुए आक्सीजन हादसे के मामले में उन पर चिकित्सीय दायित्व का निर्वहन न करने का आरोप लगाते हुए बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में प्रवक्त के पद से निलम्बित कर दिया गया था. इसके बाद दो सितम्बर 2017 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. वह करीब सात महीने जेल में रहे और हाई कोर्ट से जमानत मिलने पर 28 अप्रैल को रिहा हुए.
जमानत पर रिहा होने के बाद वह अपने खिलाफ लगे आरोपों पर मुखर होकर बोलने लगे. उनका आरोप था कि आक्सीजन हादसे की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और इस घटना के लिए योगी सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. उन्हें व अन्य चिकित्सकों व कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया है.
सितम्बर 2018 में बहराइच में अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत के मामले में भी उन्होंने सक्रियता दिखाई. उन्होंने आरोप लगाया कि बहराइच में बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस से हो रही है और सरकार इसे छिपा रही है. जब वह इस मामले को लेकर 22 सितम्बर को बहराइच जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. वहां से छूटने के बाद उनके खिलाफ गोरखपुर में धोखाधड़ी का एक और केस दर्ज कर उन्हें बड़े भाई अदील अहमद के साथ 23 सितम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
जमानत पर छूटने के बाद डा. कफील पूरे देश में जगह-जगह मेडिकल कैम्प करने लगे और ‘ स्वास्थ्य सबका अधिकार ‘ अभियान संचालित करने लगे. इस दौरान उन्हें पूरे देश में विभिन्न मंचों पर बोलने के लिए बुलाया जाता रहा.