-ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षको को दिया गया प्रशिक्षण
देवरिया। फाइलेरिया दिवस (एमडीए) मनाये जाने को लेकर गुरुवार को धनवंतरि सभागार में सीआएमओ डॉ डीबी शाही की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षको को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सीएमओ ने कहा 17 से फरवरी से 29 फरवरी तक फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में आशा, आंगनबाड़ी लोगों को फाइलेरिया की दवा के साथ एल्बेण्डाजोल की गोली घर-घर जाकर मुफ्त में देंगी और यह दवा अपने सामने खिलवाएंगी। इस अभियान में लगभग 32 लाख की आबादी को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खिलाना जरूरी है। यह दवा खाली पेट में नहीं खिलाना है। बायोलाजिस्ट डॉ वीके सोनी ने दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी- कभी किसी व्यक्ति को सरदर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकत्ते एवं खुजली हो सकते हैं। इससे घबराने की जरुरत नही है, यह स्वत: ही ठीक हो जाएगा। जिला वेक्टर बोर्न डिजीज (वीबीडी) परामर्शदाता डॉ एके पांडेय ने बताया कि अभियान के दौरान मॉनिटरिंग राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर की जाएगी। उन्होंने बताया की एक टीम में दो वर्कर होंगे, जिन्हे प्रतिदिन 25 घरो को कवरेज कर घर के सभी सदस्यों को दवा खिलाना है।
इस दौरान एसीएमओ डॉ बीपी सिंह, डॉ संजय चंद, डॉ सुरेंद्र सिंह, डीसीपीएम राजेश गुप्ता डीएमओ एसपी तिवारी, सीपी मिश्रा, सुधाकर मणि सहित सभी ब्लाकों के प्रभारी चिकित्साधिकारी, बीसीपीएम, बीपीएम मौजूद रहे।
मच्छरों से करें बचाव
सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, इसके मच्छर अधिकतर गंदगी में पनपते हैं। संक्रमित व्यक्ति को काटकर यह मच्छर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद यही संक्रमित मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते हैं। इससे संक्रमित व्यक्तियों को हाथी पाँव व हाइड्रोसिल का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि घर और आस-पास मच्छरों को पनपने न दें, साफ़-सफाई रखें, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकें।