गोरखपुर. नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर जनपद में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का शासनादेश के मुताबिक पारस्परिक स्थानान्तरण नहीं होने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी को शासन से निर्गत शासनादेशों का आनुपालन करना ही पड़ेगा. बेसिक शिक्षा अधिकारी भी इन शासनादेशों से ऊपर नही है और उन्हें अनुदेशकों के पारस्परिक स्थानान्तरण करने होंगे.
गोरखपुर में कार्यरत सभी अंशकालिक अनुदेशकों ने अपने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह तथा जिला अध्यक्ष रणंजय सिंह के नेतृत्व में नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल से मुलाकात की और बेसिक शिक्षा अधिकारी पर शोषण करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश शासन ने 29 नवम्बर 2019 को ही शासनादेश निकाल कर सभी अंशकालिक अनुदेशकों को पारस्परिक सहमति तथा स्थान की रिक्तता के आधार पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थानांतरित करने के लिये निर्देशित किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी अंशकालिक अनुदेशकों से नियमानुसार आवेदन भी प्राप्त कर लिये और करीब डेढ़ माह से उस पर कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं।
नगर विधायक ने उनकी बातों को विस्तार से सुनने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नरायण सिंह से बात की । श्री सिंह इस समय उच्च न्यायालय में थे । उन्होंने ने पूछा कि शासनादेश का उल्लंघन इस प्रकार से कैसे कर सकते हैं ? जब आपने शासनादेश के आधार पर ही अंशकालिक अनुदेशकों से समय के भीतर आवेदन प्राप्त किये तो उनके स्थानांतरण क्यों नहीं किया। नगर विधायक ने उन्हें निर्देशित किया कि कल दोपहर 2 बजे सारी पत्रावली लेकर आये और विभाग की स्थितियों को स्पष्ट करें । उन्होंने उन्हें साफ साफ कहा कि उन्हें किसी भी स्थिति में शासनादेश का पालन होना ही चाहिए।