गोरखपुर। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सेकेण्डरी (मुंशी/मौलवी), सीनियर सेकेण्डरी (आलिम) परीक्षा के इतिहास में पहली बार प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरु हो चुकी हैं। बुधवार को मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ में करीब 56 परीक्षार्थियों ने प्रयोगात्मक परीक्षा में हिस्सा लिया। मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर में भी प्रयोगात्मक परीक्षा हुई। परीक्षार्थियों में प्रयोगात्मक परीक्षा के प्रति उत्साह देखने को मिला।
मदरसे के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही ने बताया कि बोर्ड ने इस बार मुंशी/मौलवी व आलिम परीक्षा का नाम बदला वहीं प्रयोगात्मक परीक्षा कराने की व्यवस्था भी की है। प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होना भी जरुरी है।
मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने बताया कि परीक्षार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा की फाइल तैयार करके परीक्षक के पास उपस्थित हुए और मौखिक सवालों का जवाब दिया। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के मुफ्ती अख्तर हुसैन व मदरसा रजविया मेराजुल उलूम चिलमापुर के मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही ने परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा ली। मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ शहर का एक वाहिद मदरसा है। जिसमें स्थायी तौर पर 25 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। जिनकी जरिए पढ़ाई व परीक्षा की निगरानी की जाती है।
प्रयोगात्मक परीक्षा में मौलाना मो. ताहिरुल कादरी, मौलाना मो. निजामुद्दीन निज़ामी, मौलाना जमील अख्तर मिस्बाही, इस्हाक अहमद, मौलाना मो. असलम, मौलाना जावेद अख्तर ने महती भूमिका निभाई।
बताते चलें कि सेकेण्डरी (मुंशी/मौलवी), सीनियर सेकेण्डरी (आलिम), कामिल व फाजिल वर्ष 2020 की वार्षिक लिखित परीक्षाएं 25 फरवरी से 5 मार्च तक दो पालियों में होंगी। जनपद में सात परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा 25, 27, 29 फरवरी व 2, 4, 5 मार्च को होगी। सुबह की पाली 8 से 11 व शाम की पाली 2 से 5 बजे तक चलेगी। परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में सम्पन्न होगी। वर्तमान सत्र से मुंशी/मौलवी परीक्षा का नाम सेकेण्डरी व आलिम परीक्षा का नाम सीनियर सेकेण्डरी हो चुका है। इस बार परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया गया। छात्रों के आंतरिक अंक परीक्षा में जोड़े जाएंगे।