गोरखपुर। व्यक्ति को समाज में ज्ञान से नहीं अपितु समाजहित में किये गए उसके कर्म से पहचान मिलती है। यहां तक कि राम और कृष्ण को भी उनके द्वारा किये गए कर्मों से ही जनमानस में देवतुल्य सम्मान हासिल हुआ। साहित्यमनीषी प्रो. परमानंद श्रीवास्तव की राष्ट्रीय स्तर पर जो पहचान बनी, उसके पीछे उनके द्वारा सही दिशा में किया गया अनथक साहित्यिक कर्म ही है। प्रो. परमानंद सच्चे अर्थों में ‘साहित्य के होलटाइमर’ थे।
स्वर्गीय प्रो. परमानंद श्रीवास्तव के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 9 फ़रवरी को बैंक रोड स्थित पीएमटी कालेज के हाल में आयोजित कार्यक्रम में यह विचार गोरखपुर विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल राय ने व्यक्त किया।
उन्होंने प्रगतिशील लेखक संघ की पहल पर बिरादराना संगठन जनवादी लेखक संघ और जनसंस्कृति मंच के साझा प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम को आज के दौर में रचनात्मक माहौल को बचाने की दिशा में सार्थक कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रो. परमानंद जी से गोरखपुर को साहित्य जगत में अलग पहचान मिली। साहित्यिक कार्यकर्ता के रूप में उनके द्वारा दिया गया अवदान नयी पीढ़ी के साहित्य- कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए पर्याप्त है।
इस अवसर पर लखनऊ से आमंत्रित सुप्रसिद्ध कथाकार नवनीत मिश्र के अलावा महानगर के दो कहानीकारों कलीमुल हक और उर्दू कहानीकार आसिफ सईद ने श्रोताओं के समक्ष अपनी कहानियों का पाठ किया. नवनीत मिश्र ने अपनी ‘टारगेट’ शीर्षक कहानी के जरिए विकृत पूंजीवाद से पैदा हो रहीं चुनौतियों को व्यक्त किया है.
डा. साजिद हुसैन, डा. एस. सी. श्रीवास्तव, कवि प्रमोद कुमार और डा. आनन्द पांडेय ने कहानियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम को सार्थक करार दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि जेपी मल्ल ने सभी उपस्थित साहित्य प्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शायर महेश ‘अश्क’ ने किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ गीतकार जेपी नायक, वीरेन्द्र मिश्र दीपक, सृजन गोरखपुरी, अरशद जमाल सामानी, ए. एन. अली, सौरभ दीक्षित, विनोद ‘निर्भय’, विनय कुमार अज़ीज़, भोजपुरी के लघु कथाकार राम नरेश शर्मा ‘शिक्षक’, देवेन्द्र नाथ द्विवेदी, मिन्नत गोरखपुरी, विनय पांडेय, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, कुमार अभिनीत, अवधेश नन्द, अरविन्द अकेला, संजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
उन्होंने प्रगतिशील लेखक संघ, गोरखपुर की पहल पर बिरादराना संगठन जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच द्वारा स्व. प्रो. परमानंद श्रीवास्तव के जन्मदिन की पूर्वसंध्या पर कहानी पाठ करते वरिष्ठ कथाकार नवनीत मिश्र।☝