गोरखपुर। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में शहर के विभिन्न मोहल्लों में गरीबों, मजदूरों व बेसहारों की मदद करने के लिए कुछ युवा सक्रिय हैं. ये युवा एक कॉल पर गरीबों, मजदूरों तक जरूरी सामग्री पहुंचा रहे हैं।
शहर के अलग-अलग मोहल्लों में रहने वाले 20-25 युवाओं ने 24 मार्च से गरीबों की मदद करने की ठानी है। युवाओं की टीम व उसका दायरा बढ़ता ही जा रहा है। इन युवाओं ने अभी तक शहर के विभिन्न मोहल्लों में रहने वाले 100 से अधिक परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचायी है। ये युवा कुछ ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंच रहे हैं. ये युवा जरुरतमंदों तक तीन किलो चावल, आधा किलो दाल, पांव भर प्याज, आधा किलो आलू का थैला पहुंचा रहे हैं. इन युवाओं ने राहत सामग्री तकरीबन हर मोहल्ले में पहुंचाने की कोशिश की है। राहत सामग्री युवा अपनी पॉकेटमनी, अवामी चंदे से जुटे रहे हैं।
इनके काम को देखकर मदद के हाथ तेजी से बढ़ने लगे हैं। युवाओं की टीम के अगुवा नेहाल अहमद ने बताया कि हमारे कुछ दोस्त बहुत पहले से जरुरतमंदों की मदद किया करते थे। 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन के दौरान हमने जरुरतमंदों की मदद करना का मिशन बना लिया है। हमने मदद के लिए हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया है। जिस पर काफी लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन अगर हमारी मदद करे तो हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा पायेंगे। हमारा एक वाट्सएप ग्रुप ‘जरुरतमंद की खिदमत’ भी है जिस पर हम एक दूसरे से जुड़े रहकर मदद पहुंचा रहे हैं। अगर हम लोगों का आने जाने के लिए पास बन जाता तो हमें और भी सुविधा हो जाती। हम लोगों ने ठाना है जब तक लॉकडाउन रहेगा किसी गरीब को भूखा नहीं सोने देंगे।
उन्होंने बताया कि हमारी टीम में शामिल युवा बिजनेसमैन, प्राइवेट जॉब, शॉप कीपर आदि शामिल हैं। हमारी टीम में शामिल युवा विभिन्न मोहल्लों से हैं।
इसी तरह अन्य युवा आजाद पांडेय, मित्र प्रकाश, सेफ सोसाइटी भी गरीबों, मजदूरों व बेसहारों की मदद जी जान से कर रही है। सोशल मीडिया के जरिए काम करने वाले युवाओं के पास जैसे मदद का मैसेज पहुंच रहा है वह तुरंत मदद के लिए निकल पड़ रहे हैं। कई युवा तो जरुरमंदों को पका पकाया खाना भी खिला रहे हैं। आज जब मंदिर, मस्जिद-दरगाह, चर्च व गुरुदारों से लोगों की मदद किए जाने की जरुरत है तो ऐसे समय में सब बंद है।