गोरखपुर। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर इंसान सेनिटाइजर का प्रयोग कर रहा है लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी शहर के पालतू बारह हजार के करीब कबूतर भी सेनिटाइज्ड हो रहे हैं।
रहमत पिजन क्लब गाजी रौजा के आफताब अंसारी उर्फ दादा ने बताया कि शहर के विभिन्न मोहल्लों में दो सौ के करीब कबूतर पालने वाले हैं। शहर में करीब बारह हजार पालतू कबूतर हैं। इनमें 20-25 लोग कबूतर उड़ान प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। इस वक्त कबूतर पालने वालों का काफी वक्त छत पर ही कबूतरों के बीच गुजर रहा है। कबूतरों की अच्छे से देखभाल हो रही है। कबूतरों को सेनिटाइज्ड पानी में नहलाया जा रहा है। कबूतरों को तमाम बीमारियों व कीड़े वगैरा से बचाने के वैक्सीनेसन व डिवर्मिंग की जा रहा ही। कबूतरों के पास जाने से पहले हाथ, पैर को सेनिटाइज किया जा रहा है। कबूतरों को विटामिन के दाने व मेवे दिए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से दाना मिलना थोड़ा मुश्किल हो गया है लेकिन एहतियातन इतना दाना व मेवा स्टोर कर लिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान मुश्किल नहीं होगी। दाना चौरहिया गोला व साहबगंज में मिल जाता है। इस वक्त दाना मिलने में कठिनाई हो रही है। दाना महंगा भी हो गया है। कबूतर उड़ाने वाले अपना पूरा वक्त कबूतरों पर लगा रहे हैं।
शहर में टैडी, कमग्गर, सहारनपुरी, कलसिरा, कलाबाज, देशी आदि नस्लों के कबूतर हैं। प्रतियोगिता वाले कबूतरों को दूसरे कबूतरों से अलग रखा जाता है। इनके उड़ने का रियाज करवाया जाता है। शहर में गोरखपुर पिजन फ्लाइंग क्लब, पिजन डे क्लब, रहमत पिजन क्लब आदि प्रमुख हैं। लॉकडाउन व रमजान की वजह से रहमत पिजन क्लब की कूबतर उड़ान प्रतियोगिता जून माह में प्रस्तावित है। वहीं दो पिजन फ्लाइंग क्लब ने माहौल के मद्देनजर प्रतियोगिता निरस्त कर दी है। शहर में कबूतर उड़ाने व पालने का हमेशा से क्रेज रहा है जो आज भी बरकार है।