बहराइच. दो दशक से उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में बच्चों के अधिकारों को लेकर कार्यरत संस्था- डेवलपमेंटल एसोसिएशन फार ह्यूमन एडवांसमेंट (देहात) द्वारा बहराइच के विकास खंड मिहींपुरवा के वन क्षेत्रों में स्थित गांवों में 556 विधवा, परित्यक्त महिलाओं एवं किशोरियों को माहवारी स्वच्छता हेतु सैनीटरी पैड बांटे गए.
देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना संकट के चलते संस्था द्वारा यह महसूस किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं इस समय माहवारी स्वच्छता हेतु सैनीटरी पैड की कमी से जूझ रही हैं. वैसे भी 80% ग्रामीण महिलाओं में पुरानी सूती साड़ी या धोती को माहवारी के दौरान प्रयोग किए जाने का चलन है। किंतु बदलते समय में अब सूती साड़ी या धोती का स्थान सिंथेटिक कपड़ों ने ले लिया है, और सिंथेटिक कपड़ों में सोखने की क्षमता नहीं होती। जिसके चलते महिलाओं को माहवारी के दिनों में जो विकल्प उपलब्ध होते हैं, वे प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बहुत सी बीमारियों को जन्म देते हैं। इसका खामियाजा उन्हें जीवन भर भुगतना पड़ता है। लाकडाऊन में यह समस्या और गंभीर हो गयी है।
इस समस्या को ध्यान में रखकर देहात संस्था ने महिलाओं व विशेषकर विधवा, परित्यक्ता व विकलांग महिलाओं एवं किशोरियों को सैनीटरी पैड देने का निर्णय लिया।
सैनीटरी पैड वितरण से बहराइच जिले के मिहींपुरवा विकास खंड के टेढिया, कैलाशनगर, भट्ठा बरगदहा, जमुनिहा, लोहरा, विशुनापुर, बर्दिया रमपुरवा, बर्दिया, फकीरपुरी समेत दर्जनों गांवों की महिलाएं लाभान्वित हुईं और यह क्रम जारी है।
इस पूरे अभियान में संस्था की ओर से सरिता, विजय यादव, गीता प्रसाद, देवेश अवस्थी एवं रमाकांत पासवान की भागीदारी सराहनीय रही।