कोविड -19 जांच के लिए लायी गयी महिला को पिपराइच पहुंचाने के बजाय रात में गोरखपुर ही छोड़ दिया गया

गोरखपुर। कोविड-19 की जांच के लिए नमूना लेने और जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को पिपराइच नगर पंचायत स्थित घर छोड़ने के बजाय बस चालक रात सात बजे गोरखपुर के असुरन चौराहे पर छोड़ कर चला गया। महिला करीब दो घंटे तक असुरक्षा की भावना से ग्रस्त सड़क पर बैठी रही और परिजन अफसरों को फोन लगाते रहे लेकिन कहीं से मदद नही मिल पायी। आखिरकार कुछ पत्राकरों के प्रयास से असुरन चौकी इंचार्ज ने महिला को एक पिकप से घर पहुंचाया। इस घटना से महिला के परिजन आक्रोशित हैं और व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।

पिपराइच नगर पंचायत का एक युवक जांच में कोविड-19 पाजिटिव पाया गया। यह युवक मुम्बई में मजदूरी करता था। घर वापस आने के बाद होम क्वारंटीन था। तबियत खराब होने पर उनकी कोविड-19 जांच हुई तो रिपोर्ट पाजिटिव आयी। इसके बाद उन्हें रेलवे हास्पिटल में बनाए गए कोविड-19 वार्ड में भर्ती कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इस युवक की पत्नी को जांच कराने के लिए कहा और उसे 26 मई को सहजनवा में पूर्वांचल डेंटर कालेज में बने क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया। दो दिन बाद उसका नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया।

जांच में रिपोर्ट निगेटिव आयी। इसके बाद दो जून को शाम छह बजे महिला को क्वारंटीन सेंटर से कुछ अन्य लोगों के साथ एक बस से रवाना किया गया। बस चालक निर्धारित स्थान पर लोगों को उतारते हुए मेडिकल कालेज गया और वहां से लौटते हुए महिला को असुरन चौराहे पर उतार कर यह कहते हुए चला गया कि यहां से पिपराइच के लिए बस मिल जाएगी।

महिला इसके पहले कभी अकेले गोरखपुर नहीं आयी थी और न उसे रास्ते का पता था। वह घबरा गयी और असुरक्षित महसूस करने लगी। उस समय शाम के सात बजे थें। उसने घर पर अपने देवर को फोन किया और पूरी बात बतायी। देवर ने एक-एक कर तीन अधिकारियों को फोन किया और बताया कि महिला को घर पहुंचाने के बजाय असुरन चौराहे पर ही छोड़ दिया गया है। एक अफसर ने उसे खुद गोरखपुर आकर महिला को ले जाने को कहा। युवक ने कहा कि उसका घर के आस-पास के इलाके को सील किया गया है और उसे क्वारंटीन करने की सलाह दी गयी है। ऐसे में वह कैसे आ सकता है ?

जब कहीं से मदद नहीं मिली तो महिला का देवर पिपराइच से खुद चलने को तैयार हुआ लेकिन उसकी बाइक ही नहीं स्टार्ट हुई। आखिरकार उसने गोरखपुर के एक पत्रकार को फोन कर मदद मांगी। पत्रकार ने सीओ गोरखनाथ और असुरन पुलिस चौकी से महिला की मदद का अनुरोध किया। इसके बाद असुरन चौकी के पुलिस कर्मी महिला को चौकी पर ले आए और कुछ देर बाद एक पिकप पर बैठाकर घर भेजा।

महिला के देवर ने बताया कि उनका पूरा परिवार दो घंटे तक बेहद तनाव में रहा। उसकी भाभी घर पहुंच जाने तक डरी-सहमी रहीं। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।