गोरखपुर। रविवार 24 मई चांद रात की नूरानी रात। वार्ड नं. 58 तिवारीपुर का मोहल्ला मोहनलालपुर। चांद रात में मोहल्ले के कुछ लोग चहल कदमी कर रहे थे। तभी करीब के डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रुकी। ट्रेन से एक प्यासा मजदूर पानी की तलाश में मोहनलालपुर पहुंचा। प्यास में निढाल हुए मजदूर को देखकर मोहल्ले के लोगों ने उसे खाना खिलाया और पानी पिलाया। इसके बाद सारे मोहल्ले वाले डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे। एक-एक प्रवासी मजदूर तक खाना व पानी पहुंचाया।
प्रवासी मजदूरों की मदद का यह सिलसिला चांद रात की रात शुरू हुआ जो अब तक जारी है। ईद के दिन भी मोहल्ले वालों ने करीब हर श्रमिक ट्रेन में मजदूरों को खाना-पानी पहुंचाया। मदद का सिलसिला 31 मई रविवार तक जारी रहा।
मोहनलालपुर के 22 वर्षीय मो. सैफ के मुताबिक 25 मई से प्रवासी मजदूरों की मदद का अभियान मोहल्ले वालों ने शुरु किया। मदद का दायरा सोमवार 25 मई ईद के दिन से बढ़ाया गया। डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पर हर दिन करीब 10-12 श्रमिक ट्रेनें रुकती थीं। मोहल्ले वाले हर रोज करीब पांच सौ लोगों का खाना बनवाते। पाव रोटी, बिस्कीट, पानी, गुड़ व भुजा का इंतजाम मोहल्ले वालों की मदद से किया जाता। श्रमिक ट्रेनों का इंतजार शिद्दत से मोहल्ले के हर उम्र के लोग करते। जैसे ही कुछ लम्हों के लिए ट्रेन डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पर रुकती मोहल्ले वाले खाद्य सामग्री पहुंचाने मे जुट जाते। एक अलग ही तरह की नज़ारा देखने को मिलता।
मदद के अभियान की खबर जैसे ही अन्य लोगों को हुई वह भी इसमें हिस्सा लेने लगे। डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक अलग ही नज़ारा देखने को हर दिन मिलता। पिछले दो तीन दिन से चार-पांच श्रमिक ट्रेनें यहां से गुजर रही हैं। मदद का उसी ज़ज़्बे के साथ जारी है। अगर श्रमिक ट्रेनें इसी तरह चलती रहीं तो मोहल्ले वालों का यह अभियान भी जारी रहेगा। एक अनुमान के मुताबिक आठ दिनों में मोहल्ले वालों ने पंद्रह हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों में खाना-पानी पहुंचाया है।
खाने में कभी सब्जी-पूड़ी तो कभी सोयाबीन की बिरयानी पैक करके मजदूरों में बांटी गयी। खाना पानी बांटने में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। खाना पैक करा कर एक जगह रख दिया जाता मजदूर आकर बारी बारी पैक खाना ले जाते। मदद पहुंचाने में हर उम्र व हर वर्ग के लोग शामिल रह रहे हैं। मो. सैफ ने बताया कि इंसानों की खिदमत करना हम सबका फर्ज है। चांद रात, ईद व उसके बाद के दिनों में मोहल्ले वालों ने पूरी शिद्दत से अपना फर्ज निभाया। दुआ है कि सभी मजदूर अपने घर सही सलामत पहुंच जायें। कोरोना महामारी से निज़ात मिले। मुल्क की खुशहाली, तरक्की व भाईचारगी पहले की तरह लौट आये।
मोहल्ला मोहनलालपुर के लोगों की एकजुटता व मदद का ज़ज़्बा देश को एक सकारात्मक पैगाम दे रहा है कि मुसीबत की इस घड़ी में हम सब एक साथ हैं।
सैकड़ों प्रवासी मजदूरों में नौजवानों ने बांटा खाना-पानी
कालेसर चौक जीरो प्वाइंट पर सोमवार को हमदर्द सोसाइटी के नौजवानों ने सैकड़ों प्रवासी मजदूरों में खाना व पानी बांटा। इसमें नेहाल अहमद, मोहम्मद ज़मीर, अतहर खान, कमरूल हसन, मोहम्मद आसिफ, सैयद आसिम हुसैन, अज़ीम अफाक, शहज़ाद अहमद, मोहम्मद अहसन, अज़ीम नौशाद, शिराज आलम, फराज़ अहमद, मोनव्वर, मोहम्मद असलम, इरफान खान, मोहम्मद रबिश, मोहम्मद असद शामिल रहे। करीब 400 मजदूरों में सोयाबीन की बिरयानी, बिस्कुट व नमकीन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बांटा गया। खाना देने से पहले मजदूरों का सैनिटाइजर से हाथ धुलवाया गया। सोसाइटी के नेहाल अहमद ने बताया कि मदद की यह मुहीम तीन दिनों से चल रही है, आगे भी जारी रहेगी।
वहीं द हेल्पिंग हैंड ग्रुप के नौजवानों ने जीरो प्वाइंटर पर ही सैकड़ों प्रवासी मजदूरों में 500 पैकेट शाकाहारी बिरयानी, 1500 पाउच पानी व 500 छोटा पैकेट बिस्कुट बांटा। जिसमें शाहबाज खान, अमिर, हसमत खान, नूर मोहम्मद, अशरफ, आसिफ, लारैब आदि शामिल रहे। नौजवानों का यह ग्रुप भी कई दिनों से प्रवासी मजदूरों में खाना-पानी आदि बांट रहा है।