कुशीनगर। सरकारें यदि भोजपुरी सिनेमा को प्रोत्साहन देने का कार्य करें तो निश्चित ही युवाओं को रोजगार का बेहतर प्लेटफार्म मिल सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में डाला जाय।
यह बातें फाजिलनगर कस्बे में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आये भोजपुरी फिल्मों के कलाकार प्रिन्स सिंह राजपूत व रूपा सिंह ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत में कही।
दोनों ने कहा कि देश मे सर्वाधिक जनसंख्या भोजपुरी भाषा बोलती और समझती है लेकिन जो पहचान अन्य भाषा की फिल्मों को मिला है, उसकी तुलना में भोजपुरी फिल्में काफी पीछे हैं। भोजपुरी फिल्मो फिल्में छोटे सिनेमाघरों में ही प्रदर्शित होती हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। वहाँ आर्थिक रूप से कमजोर लोग होते हैं। ऐसे में भोजपुरी फिल्मों को पूरी तरह करमुक्त किया जाना चाहिये अन्यथा भोजपुरी फिल्मों को भी मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों में प्रदर्शन करने की अनुमति मिलनी चाहिये।
लगभग पन्द्रह भोजपुरी व एक हिन्दी फिल्म में काम कर चुके प्रिन्स सिंह, रूपा सिंह के साथ पांच भोजपुरी फिल्मों में एक साथ काम कर चुके हैं। दोनों ने उत्तर प्रदेश सरकार के भोजपुरी फिल्मो के प्रति योगदान को काफी बेहतर बताते हुए कहा कि बिहार सरकार भी ऐसे प्रयास शुरू कर देती तो भोजपुरी फिल्मउद्योग और समृद्ध हो सकता है।