गोरखपुर। वााल्मीकि टाइगर रिजर्व में शनिवार को एक मृत बाघ बरामद हुआ वहीं मंगलवार को कुशीनगर के छितौनी बांध के पास एक बेहोश फिशिंग कैट मिला जिसे इलाज के लिए भेजा गया है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धना जंगल में शनिवार को गश्ती दल को नर बाघ की लाश मिली। बाघ की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। रविवार की सुबह बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और उसके जरूरी अंगों को बरेली के फॉरेन्सिक लैब भेजा गया है ताकि उसकी मौत की वजह जानी जा सके। वन अधिकारियों का अनुमान है कि बाघ की मौत की वजह किसी और जंगली जानवर से लड़ाई है। मृत बाघ के पेट सहित कई अंगों में गहरे जख्म थे।
गोबर्धना जंगल में मिले बाघ की उम्र तीन से चार वर्ष के बीच बतायी जा रही है। वीटीआर के वन संरक्षक हेमंत कांत राय ने बताया कि गोबर्धना जंगल के कक्ष सं. 25 में बाघ की लाश मिली है। उसकी मौत के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं। उसके अंगों को फॉरेन्सिक लैब भेजा गया है।
पहली जनवरी को भी वाल्मीकिनगर के रघिया जंगल में बाघिन की लाश मिली थी।
मंगलवार को कुशीनगर जिले के छितौनी बांध के ठोकर नंबर 3 और 4 के बीच नारायणी नदी किनारे बेहोशी की हालत में वन विभाग की टीम ने फिशिंग कैट बरामद किया।
मंगलवार की दोपहर खेत में कार्य कर रहे हैं लोगों ने नारायणी नदी किनारे फिशिंग कैट को छटपटाते हुए देखा। लोगों को पहले लगा कि तेंदुआ है। ग्रामीणों की सूचना पर थानाध्यक्ष खड्डा आर के यादव और वन क्षेत्राधिकारी खड्डा बीके यादव की टीम मौके पर पहुंची और बेहोश फिशिंग कैट को इलाज के लिए ले गए।
वन क्षेत्राधिकारी खड्डा बीके यादव का कहना है कि बरामद जानवर फिशिंग कैट है जो प्रायः नदियों के किनारे अपने भोजन की तलाश में आ जाते हैं। ज्यादा ठंड लगने के कारण इसकी यह हालत हो गई है।