देवरिया. संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आंदोलन के आह्वान पर विभिन्न संगठनों के लोगों ने जिलाधिकारी देवरिया के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन प्रेमलता पांडे के नेतृत्व में सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से तीन कृषि कानून 2020 को वापस करने की मांग को स्वीकार करने एवं शांतिपूर्ण आंदोलनों के राजकीय दमन पर रोक लगाने की मांग की गई।
मांग पत्र के माध्यम से प्रतिनिधियों ने किसान आंदोलन का त्वरित संज्ञान लेते हुए भारत सरकार द्वारा कोरोना काल में बिना संवैधानिक प्रक्रिया पूरी किए गए तीन कृषि कानून 2020 को वापस लेने की मांग की जिससे देश की किसानी और गरीबों- मजदूरों की स्थिति को भारी बदहाली से रोका जा सके। मांग पत्र के माध्यम से उन्होंने शांतिपूर्ण आंदोलन पर रोक लगाने एवं इस दौरान आंदोलन से जुड़े लोगों पर लादे गए फर्जी मुकदमों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की गई।
देवरिया कलेक्ट्री कचहरी में संगठनों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण धरने को पुलिस द्वारा जबरदस्ती खत्म कराने एवं लोगों को घरों से उठाने , हाउस अरेस्ट करने, जेल भेजने जैसी कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने एवं ऐसा करने वाले जिला प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग भी की गई ।
कार्यक्रम में बाबूराम शर्मा, का राम किशोर वर्मा,पंचायत प्रतिनिधि महासंघ से बृजेंद्र मणि त्रिपाठी, राम प्रकाश सिंह, डॉक्टर चतुरानन ओझा, राज मंगल सिंह, नीलम सिंह, शंभूनाथ तिवारी, राजेश मणि, योगेंद्र यादव, राजेंद्र यादव, रामनिवास पासवान, पूर्व मेजर हरिहर यादव, गीता पांडे, का कलेक्टर शर्मा, राम वृक्षप्रसाद, सुमन,कृष्ण बिहारी दुबे, विजय जुआठा,लल्लन राय, महापति,चक्रपाणि तिवारी, कमलेश चौरसिया सदानंद , कमला यादव पुरुषोत्तम नारायण सिंह “इंटक” वरुण बघेल आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।