गोरखपुर। कोविड की रोकथाम, बचाव एवं उपचार में जुटे जिन गैर स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी के कारण कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उन्हें भी 50 लाख की अनुग्रह राशि मिलेगी। जिलाधिकारी अथवा कार्यालय अध्यक्ष को यह प्रमाणित करना होगा कि संबंधित कर्मचारी ड्यूटी के कारण कोरोना संक्रमित हुए थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस बात का प्रमाण पत्र देंगे कि मौत का कारण कोविड संक्रमण था। सभी सूचनाएं जिलाधिकारी स्तर से शासन को प्रेषित की जाएंगी जिनके आधार पर अनुग्रह राशि मिल सकेगी।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को पत्र भेज कर दिशा-निर्देश दिया है।
पत्र के अनुसार अनुग्रह राशि कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में दर्ज सभी आश्रितों को बराबर-बराबर जिलाधिकारी के द्वारा वितरित की जाएगी। यदि सेवा पुस्तिका में आश्रितों के नाम दर्ज नहीं हैं तो मृतक कर्मचारी के उत्तराधिकारियों के बीच धनराशि बराबर-बराबर वितरित की जाएगी। कोविड ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने से मृत कर्मचारियों के आश्रितों के लिए धनराशि जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत कर संस्तुति के साथ शासन को भेजी जाएगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान मृत सरकारी कार्मिकों के अभिलेख 30 जून तक राहत आयुक्त के वेबसाइट पर फीड और अपलोड करा दिया जाए। आगे भी इस वेबसाइट पर मृत सभी कार्मिकों का विवरण फीड किया जाता रहेगा।
इन्हें मिलेगी सहायता
अनुग्रह राशि के लिए स्वास्थ्य विभाग से अलग विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, प्राधिकरणों से जुड़े सरकारी, अर्ध सरकारी, संविदाकर्मी, दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्स, स्थायी और अस्थायी कार्मिकों के आश्रित पात्र होंगे। योजना का लाभ तभी मिलेगा जबकि जिलाधिकारी या कार्यालय अध्यक्ष द्वारा संबंधित कर्मचारी की ड्यूटी कोविड की रोकथाम, बचाव व उपचार में लगायी गयी हो।
एकमुश्त मिलेगी सहायता
सभी अभिलेखों के पूर्ण होने पर सहायता की 50 लाख की धनराशि एकमुश्त दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव के पत्र के साथ कोविड-19 ड्यूटी प्रमाण पत्र और कोविड-19 मृत्यु प्रमाण पत्र के फार्मेट भी दिये गये हैं। इन्हीं फार्मेट के साथ अनुग्रह राशि के लिए आवेदन करना होगा।