गोरखपुर। भारतीय किसान यूनियन अम्बावता द्वारा लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने और कप्तानगंज चीनी मिल के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन का असर दिखने लगा है। आंदोलन के 19 वें दिन कप्तानगंज चीनी मिल ने पिछले सत्र के बकाए में से 2.96 करोड़ का भुगतान किया गया है।
चीनी मिल प्रबंध तंत्र ने किसानों को आश्वासन दिया था कि दो अक्टूबर से नया पेराई सत्र शुरू होने के बाद वह पिछले वर्ष के बकाए का भुगतान शुरू कर देगा।
कप्तानगंज चीनी मिल पर वर्ष 2020-21 का 39.80 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है। चीनी मिल ने किसान नेता रामचन्द्र सिह केा लिखित रूप से आश्वासन दिया गया था कि चीनी मिल चलने के एक सप्ताह बाद से वह पिछले बकाया का भुगतान शुरू कर देगा।
भारतीय किसान यूनियन अम्बावता के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने बताया कि 10 दिसम्बर को किसानों के धरना-प्रदर्शन के 19 दिन पूरे हो गए। आज कप्तानगंज चीनी मिल प्रबन्धन द्वारा अवगत कराया गया है कि किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2020-21 का दो करोड़ छानबे लाख रुपये किसानों के खाते में भेज दिया गया है। यह किसान हित मे इस आन्दोलन की पहली बड़ी उपलब्धि के साथ किसानों की पहली जीत भी है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चलवाने के लिये घोषणा नहीं करती तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा।
किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने ट्विटर के माध्यम से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को ट्वीट करते हुए मांग की है कि, वे यहां आकर चीनी मिल को चलवाने की घोषणा करें।
शुक्रवार को धरने में भाकियू के जिला सचिव चेतई प्रसाद, अनिरुद्ध सिंह, जयराम, जगदीश, श्यामसुंदर, मुंशी वर्मा, जीरा यादव, रामकिशुन, कोदई, बेचू, दुखरन, इसरावती देवी, बिगनी देवी, अफता देवी, लक्ष्मण, जगदीश, सुदामा यादव, छेदी, सरल मियां, हरी यादव, चांद बलि, धीरज, सुदामी देवी, मराछी देवी, छोटे लाल विश्वकर्मा आदि शामिल हुए।