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कुलपति की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विश्वविद्यालय गेट पर अनशन करने से डॉ. संपूर्णानंद को रोका

गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह के विरुद्ध अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी एवं शिक्षाविद डॉ. संपूर्णानंद मल्ल के अनशन के चौथे दिन उन्हें विश्वविद्यालय गेट पर सत्याग्रह करने से जिला प्रशासन ने रोक दिया। बाद में प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी ने उनसे बातचीत कर उनकी मांग हल कराने का आश्वासन दिया। डॉ मल्ल ने घर पर अनशन जारी रखते हुए कहा कि आज शाम तक कुलपति की बर्खास्तगी की प्रतीक्षा करेंगे। ऐसा नहीं होने पर 31 जनवरी को दिन में 12:00 बजे से विश्वविद्यालय के गेट पर आमरण अनशन करेंगे।

आज अनशन के चौथे दिन डॉ. संपूर्णानंद मल्ल  दोपहर 12 बजे से विश्वविद्यालय गेट पर निर्धारित समय पर अनशन के लिए घर से निकलने के साथ ही प्रशासन उन पर दबाव बनाने लगा। इसके बावजूद डॉ मल्ल घर से विश्वविद्यालय के लिए रवाना हो गए लेकिन काली मंदिर पहुंचते-पहुंचते उन्हें रोक लिया गया और कहा गया कि दो घंटे तक आप रुके। इस मुद्दे पर प्रशासन आप से बात करेगा। इस क्रम में प्रशासन दबाव पूर्वक डॉ मल्ल को वापस आवास ले गया और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट बात करने पहुंचे।

बातचीत के दौरान जो बात प्रशासन के स्तर पर हल की जा सकती है उसको उन्होंने स्वीकार करने का मौखिक आश्वासन दिया गया। कुलपति की बर्खास्तगी एवम् वित्तीय अनियमितता के विरुद्ध जांच समिति के गठन की मांग को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया।

डॉ मल्ल की अस्वस्थता के कारण कुछ देर बाद डी डी यू मानदेय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ दुर्गा प्रसाद यादव  ने बात रखी।

डॉक्टर मल्ल ने कहा कि आज शाम तक कुलपति की बर्खास्तगी की प्रतीक्षा करेंगे, अन्यथा की स्थिति में 31 जनवरी को दोपहर 12 बजे से विश्वविद्यालय के गेट पर  आमरण अनशन  करेंगे।

इस अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट पर शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो चितरंजन मिश्र, प्रो. उमेश नाथ तिवारी, डॉ राकेश कुमार तिवारी, डॉ हरिओम श्रीवास्तव, डॉ चतुरानन ओझा, धर्मेन्द्र , छात्र संगठन एवम् सामाजिक संगठन डॉ मल्ल के समर्थन में पहुंचने के पहले ही उपस्थित रहे।

आज डॉ मल्ल के आमरण अनशन का चौथा दिन था। डॉक्टर मल्ल गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की बर्खास्तगी को लेकर अपने निजी आवास (58, सत्यपथ ) में स्थित शांति उद्यान एवं पुस्तकालय में अनशन पर बैठे हैं। डॉक्टर मल्ल गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर कदाचार,भ्रष्टाचार, नियमों एवम् परिनियमों के दुरुपयोग की जांच कराने और उन्हें बर्खास्त करने, प्रीपीएचडी शोधार्थियों पर दर्ज अपराधिक मुकदमों को वापस लेने, विश्वविद्यालय के अध्यापकों के विरुद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई, प्रो कमलेश कुमार गुप्त के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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