गोरखपुर। बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 में से 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। पार्टी ने 38 में से 30 सीटों पर नए प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं।
पिछले चुनाव में दोनों मंडलों में सिर्फ एक सीट जीतने वाली बसपा ने दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों को भी इस चुनाव में लड़ने का मौका नहीं दिया है। बसपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल के 41 में से 19 सीटों पर दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
नए प्रत्याशियों में अधिकतर पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। प्रत्याशियों के नाम घोषित होने के बाद उनकी राजनीतिक पृष्ठिभूमि जानने के लिए पत्रकारों को भी काफी परिश्रम करना पड़ रहा है।
घोषित उम्मीदवारों में कई उम्मीदवार भाजपा या सपा से टिकट नहीं मिलने के बाद बसपा में शामिल हुए हैं। कुछ उम्मीदवार धनबली हैं।
बसपा ने सिद्धार्थनगर जिले की शोहरतगढ सीट से राधा रमण तिवारी, कपिलवस्तु से कन्हैया प्रसाद कन्नौजिया, बांसी राधेश्याम पांडेय, इटवा से हरिशंकर सिंह, डुमरियागंज से अशोक कुमार तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। शोहरतगढ़ के बसपा उम्मीदवार राधा रामण तिवारी पिछला चुनाव पीस पार्टी से लड़े थे और उन्हें सिर्फ 3207 मत मिले थे। पिछली बार बसपा ने यहां से मोहम्मद जमील को चुनाव लड़ाया था। कपिलवस्तु, बांसी के बसपा उम्मीदवार नया चेहरा है।
इटवा के बसपा उम्मीदवार हरिशंकर सिंह अभी हाल में भाजपा छोड़कर बसपा में आए हैं। वे भाजपा के बड़े नेता रहे हैं। पिछले चुनाव में वे टिकट के दावेदार थे लेकिन उनकी जगह सतीश द्विवेदी को भाजपा ने उम्मीदवार बना दिया। हरिशंकर सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया गया लेकिन उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी नहीं बनाया गया। वह स्वतंत्र दावेदार के रूप में चुनाव लड़ना चाहे तो उनका पर्चा खारिज कर दिया गया। नाराज हरिशंकर सिंह बसपा में शामिल हो गए और बसपा ने उन्हें उम्मीदवार भी बना दिया है।
डुमरियागंज से बसपा प्रत्याशी बनाए गए अशोक कुमार तिवारी पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के भाई हैं। जिप्पी तिवारी भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं।
बस्ती की हरैया सीट से बसपा में तीन बार विधायक व सपा सरकार में मंत्री रहे राजकिशोर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। श्री राजकिशोर सिंह पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। विधानसभा चुनाव के बाद वह कांग्रेस में चले गए और बस्ती से लोकसभा का चुनाव लड़ा। यह चुनाव भी वह हार गए।
बस्ती के कप्तानगंज सीट से बसपा ने नए चेहरे जहीर अहम्द को चुनाव में उतारा है। पिछला चुनाव में बसपा ने पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी को लड़ाया था। राम प्रसाद चौधरी बसपा छोड़ कर सपा में शामिल हो गए हैं और कप्तानगंज सीट से उनके बेटे सपा प्रत्याशी के बतौर चुनाव लड़ रहे हैं।
रूधौली सीट से बसपा ने नए चेहरे अशोक कुमार मिश्र, बस्ती से डाॅ आलोक रंजन वर्मा और महदेवा से लक्ष्मीचंद खरवार को प्रत्याशी बनाया है।
संतकबीरनगर की मेंहदावल सीट से बसपा ने पूर्व विधायक ताबिश खां और खलीलाबाद से आफताब आलम को प्रत्याशी बनाया गया। ताबिश खां ने पिछला चुनाव एआईएमआईएम से लड़ा था। इस सीट पर पिछले चुनाव में बसपा से अनिल त्रिपाठी चुनाव लड़े थे और वे दूसरे स्थान पर रहे। अनिल त्रिपाठी इस बार मेंहदावल से भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार हैं।
खलीलाबाद से बसपा ने आफताब आलम को प्रत्याशी बनाया है। आफताब आलम 2017 को चुनाव गोरखपुर की पिपराइच सीट से लड़े थे और भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे। इसके बाद वे 2019 का लोकसभा चुनाव डुमरियागंज से लड़े और हारे। इस बार उन्होंने फिर अपनी सीट बदल ली है और खलीलाबाद से चुनाव लड़ने आए हैं।
धनघटा से प्रत्याशी बने संतोष बेलदार कुछ दिन पहले तक भाजपा से टिकट के दावेदार थे। वे प्रापर्टी डीलर बताए जाते हैं और हाल में उनकी पत्नी ग्राम प्रधान बनी हैं।
गोरखपुर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। गोरखपुर शहर और चिल्लूपार सीट से बसपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। गोरखपुर शहर सीट से अब ख्वाजा शमसुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है। पहले यहां से ललित बिहारी को प्रत्याशी घोषित किया गया था। इसी तरह चिल्लूपार से पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह उर्फ पहलवान सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। पहले यहां पर विजयानंद तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया था।
कैम्पियरगंज से बसपा ने चन्द्र प्रकाश निषाद, पिपराइच से दीपक अग्रवाल, गोरखपुर देहात से दारा निषाद, सहजनवा से अंजू सिंह, खजनी से विद्यासागर, चौरीचौरा से वीरेन्द्र पांडेय, चिल्लूपार से राजेन्द्र सिंह उर्फ पहलवान सिंह और बांसगांव से रामनयन आजाद को प्रत्याशी बनाया है।
सहजनवा सीट से पहले सुधीर सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन अब उनकी पत्नी अंजू सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। सुधीर सिंह पर अनेक गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
पिपराइच से प्रत्याशी बनाए गए दीपक अग्रवाल कारोबारी हैं। वह पहले हिन्दू महासभा में थे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी थे। बाद में वे उनसे अलग हो गए और राजनीति से भी दूर हो गए। कुछ समय पहले वे सपा में शामिल हो गए। उन्हें उम्मीद थी कि सपा उन्हें प्रत्याशी बनाएगी लेकिन सपा ने यहां से अमरेन्द्र निषाद को प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद वे बसपा में चले गए और टिकट पाने में सफल भी हुए।
खजनी से प्रत्याशी बनाए गए विद्यासागर पिछला चुनाव निषाद पार्टी से लड़े थे और 11,272 मत पाए थे। चौरीचौरा के प्रत्याशी वीरेन्द्र पांडेय नए हैं। बांसागंव के प्रत्याशी रामनयन आजाद बसपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं।
महराजगंज जिले की पांच में से चार सीटों-फरेंदा, सिसवा, महराजगंज और पनियरा से बसपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। फरेंदा से प्रत्याशी बनायी गयीं श्रीमती यीशू चैरसिया ने इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की है। वे भाजपा में सक्रिय थीं। पनियरा से प्रत्याशी बनाए गए ओम प्रकाश चौरसिया धनबली प्रत्याशी हैं। महराजगंज के ओम प्रकाश पासवान नए चेहरे हैं। सिसवा से प्रत्याशी बनाए गए श्रवण पटेल एक इंटर कालेज में बाबू हैं। वे महराजगंज नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ कर हार चुके हैं।
कुशीनगर जिले की सात में से पांच पर बसपा ने प्रत्याशी घोषित किए हैं। चार स्थानों पर नए चेहरे उतारे गए है। कुशीनगर सीट पर मुकेश्वर उर्फ पप्पू मद्देशिया को टिकट दिया गया है। श्री मद्देशिया नगर पालिका कुशीनगर के अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा से राजेश प्रताप राव उर्फ बंटी राव चुनाव लड़े थे और 48732 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे। बंटी राव अब सपा में शामिल हो गए हैं और उम्मीद है कि वही कुशीनगर सीट से सपा प्रत्याशी होगेे।
रामकोला से विजय कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है। वे 2017 का भी चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे।
फाजिलनगर से संतोष तिवारी और हाटा से शिवांश सिंह सैंथवार को प्रत्याशी बनाया गया है। दोनों नए चेहरे हैं। फाजिलनगर से पिछली बार जगदीश सिंह चुनाव लड़े थे जबकि हाटा से वीरेन्द्र चुनाव लड़े थे। पडरौना सीट से पवन कुमार उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया गया है। यहां पर पिछली बार जावेद इकबाल चुनाव लड़े थे।
बसपा ने देवरिया की सभी सात सीटों से नए प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। रूद्रपुर से मनीष पांडेय, देवरिया से रामकरण सिंह सैंथवार, पथरदेवा से परवेज आलम, रामपुर कारखाना से पुष्पा शाही, भाटपाररानी से अजय कुशवाहा, सलेमपुर से राजेश भारती और बरहज से विनय लाल साहब तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। पिछले बार बसपा से चुनाव लड़े किसी भी प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया गया है।
भाटपाररानी से पिछली बार सभाकुंवर चुनाव लड़े थे और 43,966 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। सभाकुंवर इस बार भाजपा से टिकट के दावेदार हैं।
पथरदेवा से बसपा प्रत्याशी बनाए गए परवेज आलम पूर्व विधायक शाकिर अली के पुत्र हैं। शाकिर अली 2012 के चुनाव मेें सपा से चुनाव जीते थे।
रामपुर कारखाना से बसपा ने पुष्पा शाही को प्रत्याशी बनाया है। पुष्पा शाही इसी सीट से दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके गिरिजेश शाही की पत्नी है। गिरिजेश शाही को पिछले चुनाव में तीसरा स्थान मिला था और उन्होंने बसपा प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह को चौथे स्थान पर धकेल दिया था।
रूद्रपुर से टिकट पाए मनीष पांडेय कुछ दिन पहले तक सपा में थे। देवरिया से प्रत्याशी बनाए गए रामकरन सिंह सैंथवार रिटायर अधिकारी हैं। वे देवरिया में रजिस्ट्रार के पद पर कार्य कर चुके हैं।