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निलम्बन वापसी के बाद भी प्रो कमलेश कुलपति को हटाने की मांग पर अडिग, फिर शुरू किया सत्याग्रह

गोरखपुर। निलम्बन वापस लिए जाने के बावजूद गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त कुलपति प्रो राजेश सिंह को हटाने की मांग को लेकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने बुधवार को फिर से सत्याग्रह शुरू कर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष एक घंटे तक सत्याग्रह किया। उनके साथ विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर अजय गुप्ता, चन्द्रभूषण गुप्त और प्रो अरविंद त्रिपाठी भी सत्याग्रह पर बैठे।

इस मौके पर प्रो कमलेश गुप्त ने कहा कि कुलपति ने ऐसी परिस्थिति बना दी है कि विश्वविद्यालय और उससे जुड़े महाविद्यालय सहज ढंग से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। विश्वविद्यालय विश्वसनीयता के संकट से गुजर रहा है। कहा कुछ जा रहा है और हो कुछ रहा है। कुलपति ने कार्य परिषद, विद्या परिषद, परीक्षा समिति, वित्त समिति सहित सभी निकायों को पंगु बना दिया है और मनमाना कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कुलपति के कार्यकाल के दौरान सभी आय-व्यय की जांच कराने की मांग को दुहराते हुए कहा कि उन्होंने कुलाधिपति कार्यालय को कई बार शिकायत की। इसके बाद वहां से कहा गया कि वे अपनी शिकायतें साक्ष्य के साथ एफीडेविट पर भेजे। मैंने वह भी किया। कुलाधिपति सचिवालय ने कुलपति के खिलाफ जांच कराने के बजाय शिकायतें उन्हीं के पास भेज दी और उन्हीं से आख्या मांगी। शासनादेश है कि जिस अधिकारी पर आरोप हैं वह अपने विरुद्ध जांच नहीं कर सकता फिर भी ऐसा किया गया। मैने जब इसके खिलाफ आवाज उठायी तो मुझे निलम्बित किया गया और सात शिक्षकों की एक दिन की वेतन कटौती का आदेश जारी किया गया। यह कार्यवाही भी नियम सम्मत नहीं थी।

उन्होंने कहा कि वे कुलपति को हटाए जाने और उनके कार्यकाल के दौरान आय-व्यय की जांच कराने की मांग पर अडिग हैं और जब तक कुलपति को हटा नहीं दिया जाता वे आंदोलन जारी रखेंगे।

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