आज़मगढ़। इंटरनेशनल एरपोर्ट के लिए अपनी जमीन और घर बचाने के के लिए 28 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान-मजदूरों के संघर्ष में नौ नवम्बर को किसान नेता राकेश टिकैत शामिल हुए।
इस मौके पर खिरिया की बाग में सभा को संबोधित करते हुए किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एक भी किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहेगा तो उसकी लड़ाई मैं यहां लड़ूंगा। यहां एक भी किसान जमीन देने को तैयार नहीं है ऐसे में किसी भी हालत में यहां एयरपोर्ट नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी तरह के उत्पीड़न की कार्रवाई में न जाएं नहीं तो खिरिया का मैदान देश के किसानों के बड़े आंदोलन का मैदान होगा।
टिकैत ने कहा कि जमीन की लड़ाई आदिवासियों से सीखनी चाहिए कि वो किस तरह से सेना तोप के आगे जमीन बचाने की लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। ये संघर्ष लंबा है। हम किसानों के साथ हैं। शांति एकता के जरिए ही आन्दोलनों की जीत होती है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा की जमीन, मकान के बाद आने वाले समय में जान बचाने की लड़ाई लड़नी होगी। आठ गांवों का सवाल है। आप और ताकत लगाइये। हिंदुस्तान के किसान को जाति-धर्म में नहीं बटना चाहिए।
सभा की अध्यक्षता रामनयन यादव और संचालन किसान नेता राजीव यादव ने की।