लखीमपुर खीरी। खैरटिया में जमीन मकान बचाओ संघर्ष समिति ने एक मई मजदूर दिवस पर जनसभा का आयोजन किया।
जनसभा में वक्ताओं ने अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस का इतिहास बताते हुए कहा कि अमेरिका के शिकागो शहर में एक मई 1886 को काम के घण्टे 8 करने के लिए लड़ाई शुरू हुई थी। किया था। उस लड़ाई के फैलने के बाद 8 घण्टे काम, 8 घण्टे आराम और 8 घण्टे अन्य काम का नियम बना। वक्ताओं ने बताया कि मजदूर किसान व अन्य मेहनतकश ही सभी सम्पदा को पैदा करते हैं। इसलिए देश का असली मालिक मजदूर, किसान व मेहनतकश हैं।
वक्ताओं ने लखीमपुर जिले के 54 गांवों को हाथी कारीडोर बनाने के नाम पर उजाड़ने की योजना के विरोध में एकताबद्ध संघर्ष पर जोर दिया। खैरटिया के किसान भूदान यज्ञ समिति और सीलिंग की जमीन पर पट्टे सरकार द्वारा पट्टा देकर बसाये गये थे।
सभा को संबोधित करते हुए एपवा कि अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, हाई कोर्ट इलाहाबाद के अधिवक्ता कृपा शंकर सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के रंजीत सिंह, दीनानाथ, अलीशेर, लाल बहादुर, आसीन अंसारी, नूरहोदा, तस्लीमा खातून, मुनिया देवी ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, आजमगढ़, मिर्जापुर व लखीमपुर खीरी सहित देश के अन्य हिस्सों में आदिवासी व वन के पास की आबादी को उजाड़ने की साजिश कि जा रही है।
सभा में आज़ादी के पूर्व से बसे किसानों को दिए गये सरकारी पट्टे को स्थाई व पूर्ण करने, तीन पीढ़ियों से रह रहे भूमिहीन मज़दूर-किसानों को भूमि आवंटित कर स्थायी करने, वन विभाग व बाघों के जरिये लोगों में दहशत फैलाना बंद करने, खैरटिया से मझरा तक जंगल के किनारे बाड़ेबंदी सुनिश्चित करने, बाघ के हमले से मृतक परिवार को कम से कम 25 लाख का मुआवजा व एक परिजन को सरकारी नौकरी देना सुनिश्चित करने, गरीब-मेहनतकश किसान जनता को वन विभाग व पुलिस बल का इस्तेमाल कर डराने धमकाने की कार्रवाई बंद करने की मांग की गई।
जन सभा का संचालन एस०बी० आज़ाद ने किया। सुमन देवी, देवंती, राम देव, रंजना आज़ाद, निधि कुशवाहा, अंजना, संजना एवं आराधना ने गीत गाया। इस मौके पर भजन सिंह, गुरनाम सिंह, संत कुमार, लवकुश व ज़मीन मकान बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े लोग उपस्थित थे।