लखनऊ। सोशलिस्ट किसान सभा ने आज शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन और उसकी प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी का समर्थन किया।
इस मौके पर नेताओं ने कहा कि पंजाब के शम्भू व खनौरी सीमाओं पर जिस तरह से किसानों को हरयाणा व केन्द्र की पुलिस व सुरक्षा बलों का सामना करना पड़ रहा है ऐसा प्रतीत होता है जैसे अपने ही देश में हमारी सरकार किसानों को अपना दुश्मन मानती है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश में जिन चार जातियों को गिनाया है उसमें किसान भी है और वे किसान सम्मान निधि भी देते हैं। फिर भी किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
इस मौके पर सोशलिस्ट इंडिया के नेता डॉ संदीप पांडे, सोशलिस्ट किसान सभा के अध्यक्ष अनिल कुमार मिश्र, महासचिव राजीव यादव, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष कमलेश पाण्डेय ने कहा कि हम किसान शुभकरन सिंह की पुलिस की गोली से मौत व सुरक्षा बलों द्वारा पंजाब की सीमा में घुस कर किसानों के ट्रैक्टरों को तोड़ने की कार्यवाही की निंदा करते हैं। सरकार और उसके नुमाइंदे यह जान लें कि वे जिस किसान और उसके उपकरणों का अपमान कर रहे हैं, ये वे ही है जो पूरे देश को खिलाते हैं, जिसमें वे भी शामिल हैं।
पिछली बार 13 महीनों के लम्बे किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीन विवादास्पद कानून वापस लिए थे और वायदा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी के रूप में देंगे। किंतु अब सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। सरकार में जो लोग निर्णय ले सकते हैं वे वार्ता में ही शामिल नहीं हैं। और कनिष्ठ लोग जो वार्ता कर रहे हैं वे कोई निर्णय नहीं ले सकते।
सोशलिस्ट किसान सभा सरकार को चेतावनी देती हैं कि यदि उसने किसानों की प्रमुख मांग को नहीं माना तो उ.प्र. में जगह जगह प्रदर्शन शुरू कर दिए जाएंगे।