लोकसभा चुनाव 2024

‘ जब हमन के उद्बेग पड़ी त हम लोग वोट देकर का करल जाईं ’

गोरखपुर। बार-बार विस्थापित किए जा रहे गोरखपुर शहर के पथ विक्रेता बहुत क्षुब्ध हैं। सरकार द्वारा बनाए गए वेडिंग जोन बहुत कम हैं और जहां बने भी हैं वो पथ विक्रेताओं के लिए उपयुक्त नहीं है। राप्ती पुल के पास ठेले पर केले बेच रही महिला ने क्षुब्ध होकर लोकसभा चुनाव में मतदान न करने की बात कही।

महिला ने कहा कि ‘ उन्हें बार-बार खदेड़ा जा रहा है। हम कोई गांजा तो नहीं बेच रहे हैं। हमारे लड़के भूखों मर रहे हैं। सरकार के आदेश पर दारोगा, सिपाही हमें भगा रहे हैं। हम लोग वोट देकर क्या करें ? यह पूछे जाने पर कि आखिर उन्हें क्यों भगाया जा रहा है, महिला का जवाब था कि यह बात तो बाबा (मुख्यमंत्री) ही जानते हैं कि हमें क्यों भगाया जा रहा है। हमें भगाना ही है तो हमारी मजदूरी का व्यवस्था कर दिया जाए। जो वेडिंग जोन बना है वह सड़क से काफी नीचे है। वहां कोई ग्राहक ही नहीं आयेगा तो हम वहां जाकर क्या करेंगे। ’

अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए उसने कहा कि-‘ जब हमन के उद्बेग पड़ी त हम लोग वोट देकर का करल जाईं। ’

 

नगर निगम द्वारा बनाए गए वेंडिंग ज़ोन खाली पड़े हैं

दरअसल पथ विक्रेताओं ऑ पटरी व्यवसायियों के लिए नगर निगम द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी से राप्ती पुल की तरफ जा रहे मुख्य सड़क को नो वेडिंग जोन घोषित कर मुख्य सड़क से काफी नीचे एक दूसरे रास्ते पर वेडिंग जोन बनाया गया है। वहां पर आम लोगों का आवागमन काफी कम है। राप्ती पुल के पास दर्जनों फल विक्रेता अमरूद, केला, आम, तरबूज, सेव आदी बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं। इनमें से अधिकतर लोग अमरूतानी (तुर्कमानपुर मोहल्ला) के रहने वाले हैं।

नगर निगम द्वारा इन फल विक्रेताओं को कई बार हटाया जा चुका है और नोटिस बोर्ड लगाकर इन्हें सड़क किनारे ठेले न लगाने की चेतावनी दी गई है। नोटिस बोर्ड में लिखा गया है कि ‘ ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी से राप्ती पुल तक सड़क के दोनों साइड की पटरी नो वेडिंग जोन घोषित की जा चुकी है। किसी प्रकार का ठेला, खोमचा लगाया जाता है या व्यावसायिक गतिविधियां की जाती हैं तो पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। ‘

नगर निगम द्वारा लगाया गया चेतावनी बोर्ड

केन्द्र सरकार द्वारा 2014 में पथ विक्रेता जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन अधिनियम पारित किया जिसके तहत पथ विक्रेताओं के अधिकार व सुरक्षा सुनिश्चित किया गया है लेकिन इस कानून का पूरी तरह पालन नहीं हो रहा है।

पटरी व्यवसायी पार्टी के अध्यक्ष सुधीर कुमार झा ने बताया कि गोरखपुर नगर में अभी तक 30 हजार पथ विक्रेताओं का पंजीकरण हुआ है जबकि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है। नगर में तीन वेडिंग जोन (रूस्तमपुर, ट्रांसपोर्टनगर और कचहरी बस स्टेशन के निकट ) बनाया गया है और दो वेडिंग जोन-शास्त्री चौराहा व पार्क रीजेंसी के पास स्थान चिन्हित किया गया है लेकिन इन सभी वेडिंग जोन पर पंजीकृत पथ विक्रेताओं का आवंटन नहीं हुआ है।

श्री झा ने कहा कि आप फल, मंगफली, चाय, पान आदि पथ विक्रेताओं का वेडिंग जोन में भेज देंगे तो वहां उनकी दुकान चलेगी ही नहीं। इसलिए चल पथ विक्रेताओं के लिए अलग तरीके से सोचने की जरूरत है।

 

 

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