सुपौल। कोशी नव निर्माण मंच ने डीएम को पत्र लिखकर मुंगरार, डुमरिया, घूरन, बेला, दिघिया, दुबियाही, सुजानपुर, मानिकपुर, आदि गांवों को मानसून में कोशी के कटाव से बचाने के लिए परक्युपाइन से पायलिंग कराने की मांग की है।
संगठन ने पत्र में लिखा है कि विगत वर्ष की बाढ़ में भी सैकड़ो घर के लोग उजड़ गए। उसी प्रकार इस वर्ष भी हजारों घरों पर खतरा विद्यमान है। इसलिए पायलिंग व अन्य बचाव के उपाय अभी से किया जाए तो उन्हे उजड़ने से बचाया जा सकता है।
मंच ने एक डीएम सुपौल को दूसरा पत्र भेजते हुए जिले में चल रही आपदा पूर्व तैयारी के संबंध तीन मांगों को उठाया है। मंच ने कहा है कि नावों के चल रहे निबंधन में पारदर्शिता अपनाई जाए। कागज पर सिर्फ नावें नही हों। इसलिए नावों का स्थलीय निरीक्षण करके उसे अनुबंध पर रखा जाए| अनुबंध के समय ही लागबुक और परवाना दिया जाए। साथ ही सभी अनुबंधित नावों की सूची फ्लैक्स बनाकर उस पंचायत के घाटों और पंचायत भवनों, अंचलों पर सार्वजिक रूप से प्रदर्शित किया जाए। इससे अनुबंधित नावों का लाभ कोशी के पीड़ित और प्रभावित लोग ले सकेंगे।
आपदा पूर्व बाढ़ स्थलों को चिन्हित करते समय सभी बाढ़ आश्रय स्थलों का निरिक्षण करते हुए वहां के खराब शौचालयों, उसके दरवाजों, चापाकल और टूट-फूट का मरम्मतीकरण भी तत्काल कराया जाना आवश्यक है। साथ ही कोशी तटबंध के भीतर के टारगेट आबादी के लिए आपदा पूर्व व्यवाहरिक ठोस योजना बनाई जाए।