आजमगढ़। प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति राय और मानवाधिकार कार्यकर्ता शेख शौकत हुसैन के ऊपर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति के खिलाफ शहर के लेखक संगठनों एवं नागरिक समाज ने गांधी प्रतिमा तिराहा रैदोपुर में एकत्रित होकर अपना प्रतिरोध दर्ज किया।
कार्यक्रम का आयोजन जलेस, जसम, इप्टा, जनवादी लोकमंच तथा नागरिक समाज आजमगढ़ ने किया था।
कार्यक्रम की शुरुआत में ‘लोकायन’ के अध्यक्ष राजनाथ यादव ‘राज’ ने अपनी प्रतिरोधी कविताओं का पाठ किया। इसी क्रम में आगे इप्टा के मटरू पहलवान ने अपने गीतों को प्रस्तुत किया। एडवोकेट अनिल राय, रामराज बोल्शेविक, जुल्फिकार बेग, जयप्रकाश नारायण ने अपने विचार प्रस्तुत किया।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार अभिव्यक्ति की आजादी का दमन करना चाहती है। यूएपीए जैसे काले कानून का इस्तेमाल सरकार लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर करके अपनी काली करतूतों को छुपाना चाहती है। वक्ताओं ने कहा कि इस तरह के कृत्यों से सरकार सत्ता के खिलाफ बोलने वालों, लूट-झूठ के खिलाफ बोलने वालों को डरा नहीं सकती। अरुंधति राॅय मजलूमों की आवाज हैं और इस आवाज की स्वतंत्रता पर हमला लेखक, बुद्धिजीवी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामयिक कारवां के संपादक डाॅ. रविन्द्र नाथ राय ने किया। संचालन जनवादी लेखक संघ, आजमगढ़ के अध्यक्ष डॉ अजय गौतम ने किया।
कार्यक्रम में जसम, आजमगढ़ के संयोजक हेमंत कुमार, बृजेश राय, दुर्गा सिंह, यमुना प्रजापति, विनोद सिंह, हरिश्चंद्र यादव, जुल्फिकार बेग, सत्यम प्रजापति, रामराज, छोटे लाल चौधरी, अंबिका पटेल, सुदर्शन राम, मृत्युंजय पटेल समेत अन्य लोग शामिल रहे।