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मीडिया ट्रेनिंग वर्कशॉप : सच को सामने लाना पत्रकार का सबसे बड़ा दायित्व

गोरखपुर। जस्ट मीडिया फाउंडेशन की ओर से एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर के सभागार में 21 जुलाई को एक दिवसीय मीडिया ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें गोरखपुर व आसपास के जिलों के  80 प्रतिभागियों व पत्रकारों ने हिस्सा लिया। वर्कशॉप में विषय विशेषज्ञों ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर काम करने की बारीकियां बताईं। समाचार व फीचर लेखन, ग्राउंड रिपोर्टिंग , न्यूज़ वेब पोर्टल व सोशल मीडिया पर काम करने का तरीका बताया गया। वीडियो एडिटिंग भी सिखाई गई।

वर्कशॉप में वर्तमान में पत्रकारिता जगत से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर बुद्धिजीवियों ने अपने विचार साझा किए। समापन पर अतिथियों को मोमेंटो व प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

वर्कशॉप के ट्रेनर गोरखपुर न्यूज लाइन के  संस्थापक संपादक  वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आज हाशिये के लोगों के मुद्दों को उठाना बहुत जरूरी है क्योंकि उनकी आवाज दबी हुई है। एक ऐसे दौर में जब सत्ता की तकतें सच को दबाने और छुपने के लिए पुरजोर ताकत लगा रहिउ हैं , एक सच्चे पत्रकार का दायित्व है कि वह सच को और जनता के मुद्दों को सबके सामने लाए।

उन्होंने पत्रकारिता मे सफलता का मंत्र दिया कि हर पत्रकार को चाहिए कि वह जिज्ञासु हो। वह अपने परिवेश के प्रति संवेदनशील हो। इसके साथ ही उसमें घुमक्कड़ी का हुनर जरूर हो। उसकी भाषा शैली सहज और परिपक्व हो। उन्होंने धरातलीय पत्रकारिता पर जोर देते हुए कहा कि समाचार को बिना लाग लपेट के फैक्ट के साथ प्रस्तुत किया जाए।

सोशल मीडिया के दौर में सतर्क रहने की आवश्यकता : मिनती चकलानवीस

गूगल न्यूज इनिशिएटिव की ट्रेनर और मीडिया एजुकेटर मिनती चकलानवीस ने फेक न्यूज के दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी तथ्य को जाने बगैर किसी भी कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर न करें। उन्होंने फेक फोटो, वीडियो की जांच करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी और कहा कि आज न्यूज से बावस्ता रखने वाले लोगों के साथ -साथ न्यूज क्रियेटर को मीडिया के हर पहलुओं को जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर पत्रकार को डिजिटल क्रान्ति युग में टैक्नोसेवी होना चाहिए। उनके अनुसार वर्तमान में रिवर्स इमेज सर्च का प्रयोग करके, किसी भी चित्र के मूल सोर्स तक पहुंचा जा सकता है। हमेशा प्रकाशित करने से पहले तस्वीर की सत्यता की जांच कर ली जानी चाहिए।

टीवी और डिजिटल मीडिया एक दूसरे के पूरक : राशिद हारून

मशहूर स्पोर्ट्स एंकर व कॉमेंटेटर राशिद हारून ने बताया कि आधुनिक दौर में टीवी और डिजिटल मीडिया एक दूसरे के पूरक हो गए हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर सूचनाओं के प्रसारण को देखते हुए टीवी पत्रकारिता की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

सूचना की सत्यता सबसे खास : शिवांगी सक्सेना

वरिष्ठ पत्रकार शिवांगी सक्सेना ने सूचना की सत्यता को सर्वाधिक महत्व देने की बात प्रमुखता के साथ रखी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ही नहीं एंकरिंग तक में भाषा परिपक्वता और जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने अहम् मशविरा दिया कि टीवी परिचर्चाओं में अपने विचारों को झगड़ कर नहीं मतभेद को तर्क और शाइस्तगी के साथ रखना चाहिए। उन्होंने मीडिया लॉ और एथिक्स पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की ।

मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट काविश अजीज ने स्टोरी टेलिंग और वीडियो एडिटिंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खबर को अगर अच्छे सलीके से पेश न किया जाए तो खबर की अहमियत एवं महत्ता कम हो जाती है।

फाउंडेशन के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार मसीहुज्जमा अंसारी व वर्कशॉप का संचालन कर रहे एडवोकेट मो. राफे ने बताया कि ट्रेनिंग वर्कशॉप का एक उद्देश्य अच्छे पत्रकार के साथ प्रशिक्षक तैयार करना भी है। इस वर्कशॉप से प्रतिभागी न केवल अपनी समझ विकसित करेंगे, बल्कि यहां से जाने के बाद वे वर्कशॉप में सीखी गई बातों को अपने सहयोगियों और समुदायों तक ले जा सकते हैं। इससे पहले दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा आदि में भी इस प्रकार की कार्यशालाएं सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं।

वर्कशॉप में मो. आतिफ आजमी, काजी अब्दुर्हमान, इरफ़ान सिद्दीक़ी, सेराज कुरैशी, आफताब अहमद, सैयद फरहान अहमद, महमूदुर्रहमान, मो. आतिफ, आसिफ कमर, मो. हस्सान, मो. वाजिद, कारी मो. अनस कादरी, अबूजर मोहसिन, सैफ अली, दानिश रज़ा, सैयद नदीम, हुसैन अहमद, नवेद आलम, मो. आजम, आकिब अंसारी, रहमत, महमूद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।