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सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर 13 महीने में 1.66 करोड़ आवेदन, 398.57 करोड़ रुपये का ही भुगतान हो पाया

गोरखपुर। सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं का धन वापस करने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से करीब 13 महीने में 398.57 करोड़ रुपये का ही भुगतान हो पाया है जबकि पोर्टल पर 1.66 करोड़ आवेदन कर 86,564 करोड़ रुपये भुगतान का दावा प्रस्तुत किया गया है।

यह जानकारी सूचना अधिकार कानून के जरिए प्राप्त हुई है। ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत आवेदन कर सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं का धन वापस करने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा बनाए गए पोर्टल ‘ सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ में पंजीकरण, दावों और भुगतान की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी। सहकारिता मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक 15 अगस्त 2024 तक सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण की कुल संख्या लगभग 1.66 करोड़ है। सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर प्रस्तुत दावों का कुल मूल्य 86,464 करोड़ रुपये है। अब तक सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर प्रस्तुत सभी दावों में वितरित कुल भुगतान 398.57 करोड़ रुपये है।

 

जवाब में यह भी कहा गया है कि जिनके दावों को कमियों के कारण सत्यापित नहीं किया जा सका है, वे पोर्टल के माध्यम से आगे की प्रक्रिया के लिए अपने दावों में पाई गई कमियों को सुधारने के बाद अपने दावों को पुनः सबमिशन पोर्टल mocresubmit.crcs. gov. in पर जमा कर सकते हैं।

सहकारिया मंत्रालय ने सवाल के जवाब में यह भी बताया कि पोर्टल के विकास और रखरखाव सहित अन्य भुगतान पर 39 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस पोर्टल को स्टॉकहोल्डिंग डॉक्यूमेंट्स मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और वही इसका रखरखाव कर रहा है। संवितरण की पूरी प्रक्रिया न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में की जा रही है।

आरटीआई आवेदन में पूछे गए सवाल के जवाब बताया गया है कि पोर्टल पर पंजीकरण के संबंध में राज्यवार जानकारी उपलब्ध नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सहकारिया मंत्रालय द्वारा जमाकर्ताओं के पैसे लौटने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत 18 जुलाई 2023 में की गई थी। इस पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ;  सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल;  हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता;  और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद के जमाकर्ताओं को धन वापसी के लिए पंजीकरण करने को कहा गया था। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों को सत्यापित कर सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को केवल  10,000/- रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 4 फरवरी को लोक सभा में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया था कि सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर कुल लगभग 1.21 करोड़ आवेदन पंजीकृत किए गए हैं और सहारा समूह की सहकारी समितियों के 2,77,607 जमाकर्ताओं को 31 जनवरी 2024 तक 258.47 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी

ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने आरटीआई से मिली जानकारी के बारे में बताते हुआ कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को मांग-पत्र भेजकर सहारा इंडिया के करोड़ो  निवेशकों का पैसा अविलम्ब ब्याज सहित वापस दिलाने के साथ- साथ मृतकों के परिजनों को अतिरिक्त 20 -20  लाख रुपए के मुआवजे दिए जाने की मांग की है।

कालीशंकर ने पात्र में लिखा है कि करोड़ो गरीब और मध्यम वर्गीय जनता ने सहारा इंडिया की विभिन्न स्कीमों में लाखो करोड़ रुपया जमा किया था। सहारा के कार्यकर्ताओं व जमाकर्ताओं के जीवन भर की खून पीसने की कमाई फँसी है। देश भर के सभी अभिकर्ता, कार्यकर्ता, जमाकर्ता और उनके परिवार के लोगों का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। करोड़ो निवेशकों ने अपना पेट काट-काटकर अपने बेटे-बेटियों की शादी, पढ़ाई-लिखाई और उनके भविष्य के लिए पैसा जमा किया था। लोग आज भी अपने पैसे की आस लगाए बैठे हैं। हजारों  निवेशकों और अभिकर्ताओं की मौत हो गई है। देश के गृह मंत्री ने इस संबंध में आश्वासन भी दिया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

 

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