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खेत मजदूरों का चरगांवा, उरुवा और जंगल कौड़िया ब्लाक पर प्रदर्शन, मनरेगा में 200 दिन मजदूरी की मांग

गोरखपुर। वर्ष भर काम, महंगाई के अनुसार मजदूरी, मनरेगा में दो सौ दिन काम, 600 रुपए मजदुरी, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, सबको आवास, बुल्डोजर ध्वस्तीकरण पर रोक, बेनामी जमीनों पर बसे गरीबों को उजाड़ फेंकने के बजाय पट्टा आदि देकर विनियमितीकरण किया जाने , माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज माफ करने ,गरीमामय जीवन की गारंटी करने, गरीबों का सहारा में बकाया पैसा वादा के मुताबिक वापस करने की मांग पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और भाकपा-माले ने 23 अगस्त को चरगांवा और उरुवा ब्लाक मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। जंगल कौड़ियां में प्रतिनिधि मंडल ने  राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन बीडीओ को दिया गया।

चरगांवा में खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के ब्लाक अध्यक्ष मनोरमा चौहान, ब्लाक सचिव विनोद भारद्वाज, रतूला निषाद ने धरना प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इस मौके पर नेताओं ने कहा कि योगी सरकार ने मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को काम देना बंद कर दिया है। मोदी सरकार बजट घटाकर मनरेगा को खत्म करने की ही कोशिश कर रही है। ग्रामीण गरीब कर्ज के जाल में फंसे हैं और सरकार अमीरों का लाखों करोड़ रुपए कर्ज माफ कर रही है।

धरने में भाकपा-माले राज्य स्थाई समिति सदस्य राजेश साहनी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि 23 सितंबर को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी तैयारी के लिए गांव-गांव में ग्रामीण गरीबों के बीच में सघन अभियान चलाया जाएगा।  पहली अक्टूबर को पंचायत सचिवालय पर धरना-प्रदर्शन कर उपरोक्त सवालों उठाए जाएंगे ।

जंगल कौड़ियां ब्लाक पर शम्भू निषाद, राकेश पाठक, लालू प्रसाद, भाकपा-माले महानगर सचिव बजरंगी लाल निषाद, गोविंद चौहान सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

उरूवा में खेगामस जिलाध्यक्ष श्यामाचरण, भाकपा-माले जिला सचिव राकेश सिंह के नेतृत्व में खेत मजदूरों ने धरना दिया। नेताओं ने ग्रामीण गरीबों के बुनियादी सवालों को दरकिनार कर बुल्डोजर चलवाने की योगी सरकार के अभियान पर रोक लगाने के लिए संविधान को हर हाल मे बचाने के लिए ग्रामीण मजदूरों को संगठित होने की अपील की।

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