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दो थानेदारों को हटाये जाने के बाद भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस के विधायक ने नवें दिन धरना खत्म किया

गोरखपुर। भाजपा के सहयोगी दल अपना दल (एस ) के शोहरतगढ (सिद्धार्थनगर जनपद) विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय वर्मा ने अपने क्षेत्र के दो थानेदारों के तबादले और एसपी के तबादले का आश्वासन मिलने के बाद बुधवार (18 सितम्बर )को नवें दिन अपना धरना समाप्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि ‘ हमारे धरने को बहुत हद तक सफलता प्राप्त हुई है। थाना प्रभारी शोहरतगढ़ और ढ़ेबरुआ पर हुई  कार्रवाई हेतु मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस प्रकरण में सभी दोषियों पर उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित होगी। साथ ही माननीय मुख्यमंत्री जी हमारे जिला कप्तान के विषय में भी विचार कर उचित कदम उठायेंगे। ’
अपना दल (एस) के विधायक विनय वर्मा सिद्धार्थनगर जिले की पुलिस कप्तान प्राची सिंह को हटाये जाने की मांग को लेकर 10 सितम्बर से जिला मुख्यालय पर नगर पालिका परिषद कार्यालय के सामने गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे।
उनका आरोप था कि उनके क्षेत्र में थाने और पुलिस चौकी पर कोई भी काम बिना पैसे लिए नहीं हो रहा है। थानेदार जन प्रतिनिधियों की अवहेलना कर रहे हैं। एक दलित व्यक्ति की मौत की एफआईआर चार महीने बाद भी दर्ज नहीं हुई जबकि इसके लिए उन्होंने अफसरों को 12 पत्र लिखे। सिद्धार्थनगर का पुलिस तंत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने में लगा है।
विधायक श्री वर्मा के धरने को उनकी ही पार्टी अपना दल ने समर्थन नहीं दिया और उनसे किनारा कर लिया था। अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने कहा कि विधायक के धरने से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं है।
धरने के नवें दिन बुधवार की दोपहर बाद शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी धरना स्थल पर पहुंचे और विधायक विनय वर्मा से बात की। इसके बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान, जिला प्रभारी हरिचरण कुशवाहा, कपिलवस्तु के विधायक श्यामधनी राही भी पहुंचे। कुछ देर बाद अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ धरना स्थल पर आये और विधायक को जानकारी दी कि ढेबरूआ और शोहरतगढ़ के थानेदार को हटा दिया गया है। इसके बाद शिक्षक विधायक ध्रुव त्रिपाठी और कपिलवस्तु के विधायक श्याम धनी राही ने विधायक विनय वर्मा को जूस पिलाकर धरना समाप्त कराया।
विधायक विनय वर्मा ने कहा कि उन्हें दोनों थानेदारों को हटाने का आदेश दिखाया गया। पुलिस अधीक्षक को हटाने के बारे में उन्हें आश्वासन दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि आश्वासन किसने दिया है, उन्होंने कहा कि उच्च स्तर से आश्वासन मिला है।
श्री वर्मा ने बताया कि उनकी पार्टी से कोई मतभेद नहीं हैं। पार्टी ने भले धरने का समर्थन नहीं किया लेकिन वह पार्टी के साथ हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने उनसे  धरने के बारे में कुछ नहीं कहा। मेरा आंदोलन सरकार नहीं अधिकारी के खिलाफ था। मैं अपने क्षेत्र की जनता के हित के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटूंगा।
विधायक ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से दलित मायाराम की मौत सहित पुलिस द्वारा विशेषाधिकार हनन किए जाने की शिकायत की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी शिकायत पर जांच का आदेश दिया था। मुझे यह नहीं पता है कि जांच में क्या पाया गया है।

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