कुशीनगर। दुदही नगर पंचायत निवासी गर्भवती महिला को एक प्राइवेट अस्पताल में एक्सपायर इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे उसकी तबियत बिगड़ गयी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार आया। शिकायत पर जब निजी अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो एक्सपायराी सीरप व इजंक्शन मिले। आयुर्वेदिक क्लिनिक के पंजीकरण पर बाकायदा अस्पताल चलाया जा रहा था। अस्पताल में आपरेशन थियेटर भी पाया गया जिसे सीज कर दिया गया।
दुदही नगर पंचायत के वार्ड नम्बर नौ निवासी रेयाज अपनी गर्भवती बेटी जुबैदा खातून को इलाज के लिए 14 अगस्त को शाम छह बजे दुदही स्थित एक निजी अस्पताल में ले गया। रेयाज के अनुसार डॉक्टर रवि रंजन श्रीवास्तव ने उससे डेढ़ सौ रुपए लिए और ड्रिप चढ़ाना शुरू किया। उसने ड्रिप में कुछ इंजेक्शन भी लगाए। कुछ देर में जुबैदा की तबियत बिगड़ने लगी तो डॉक्टर ने तीन-चार और इंजेक्शन लगा दिए। जबैदा की स्थिति ठीक होने के बजाय बिगड़ती ही गई। इसी बीच उसकी नजर एक इंजेक्शन पर गयी जो छह माह पहले ही एक्सपायर हो गयी थी। इंजेक्शन की एक्सपायरी तारीख पर काली स्याही लगा दी गई थी ताकि उसे देखा न जा सके। शिकायत करने पर डाॅक्टर ने उससे 1400 रुपये और लेकर रात में ही जुबैदा को डिस्चार्ज कर दिया।

रेयाज के अनुसार वह रात में ही बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा जहां इलाज के बाद उसकी जान बची।
रेयाज ने इसकी शिकायत सीएमओ से की और अस्पताल की जांच कराने की मांग की। उसने आईजीआरएस (जन सुनवाई समाधान पोर्टल ) पर भी इसकी शिकायत की।
शिकायत पर दुदही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ संदीप कुमार ने 11 सितम्बर को दुदही स्थित जन सेवा संस्थान का निरीक्षण किया तो वहां पर कई एक्सपायरी इंजेक्शन मिले। अस्पताल के अंदर एक आपरेशन थियेटर भी मिला।

प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपने निरीक्षण रिपोर्ट में लिखा है कि अस्पातल के संचालक डाक्टर रविरंजन श्रीवास्तव बीएएमएस डिग्री धारी चिकित्सक हैं और जिनके पास कुशीनगर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी द्वारा जारी क्लिनिक का पंजीकरण है। अस्पताल के मेडिकल स्टोर में आयुर्वेदिक के अलावा एलोपैथिक दवाएं मिलीं जिनमें कुछ एक्सपायरी इंजेक्शन व सीरप अलग गत्ते में पाए गए। इन्हें जांच के लिए औषधि निरीक्षक को भेज दिया गया है। अस्पताल में संचालित माइनर ओटी को सीज कर दिया गया है।