गोरखपुर। इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनी जनता पर हमले के खिलाफ इलाहीबाग में पोस्टर प्रदर्शनी लगाने, पर्चा वितरित करने और क्रांतिकारी गीत गाने पर पुलिस ने दिशा छात्र संगठन के आठ कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर विधि विरुद्ध जमाव और लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धार 189 (2) और 223 (बी) के तहत केस दर्ज किया है।
दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने छह अक्टूबर को इलाहीबाग मुहल्ले में फिलिस्तीन में इज़रायल द्वारा जारी नरसंहार के ख़िलाफ नागरिकों के बीच पोस्टर प्रदर्शनी, पर्चा वितरण का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम पर तिवारिपुर थाने में उपनिरीक्षक हिमांशु शेखर की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है।
उपनिरीक्षक हिमांशु शेखर ने तहरीर में लिखा है कि ‘ 6 अक्टूबर की 6.30 बजे शाम को सूचना मिली कि दिशा फाउंडेशन की जिला प्रभारी कुमारी अंजलि अपने सहयोगी सदस्यों रूबी, दीपक, धर्मराज, सौम्या, सुमन, अदिति, शेषनाथ के साथ मिलकर वर्तमान में इजरायल तथा फिलीस्तीन के मध्य चल रहे युद्ध के दृष्टिगत इजरायल के विरोध तथा फिलीस्तीन के समर्थन में बिना सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करते हुए इजरायल के विरोध में एवं फिलीस्तीन के समर्थन में पोस्टर बैनर लहराते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। सूचना पाक मौके पर पहुंचा तथा हिकमत अमली का प्रयोग करते हुए उनके प्रदर्शन को समाप्त कराकर सम्मेलन छिन्न-भिन्न करवाया। कुमारी अंजली तथा उनके सहयोगियों रूबी, दीपक, धर्मराज, सौम्या, सुमन, अदिति व शेषनाथ का यह कृत्य 189 (2), 223 बीएनएस के तहत दंडनीय अपराध है जिसके संबंध में अभियोग पंजीकृत किया जाना आवश्यक है। ’
दिशा छात्र संगठन ने केस दर्ज किये जाने पर अपने बयान में कहा है कि यह पूरी कार्रवाई ही फर्जी है और दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं का मानसिक उत्पीड़न करने और उनको डराने के उद्देश्य से की गयी है।
बयान में कहा गया है कि एक तरफ सत्ताधारी भाजपा सरकार फिलिस्तीन में शान्ति बहाल करने के लिए पाखण्डपूर्ण बयानबाजी कर रही है। दूसरी ओर, देश में फिलिस्तीन के पक्ष में होने वाली हर गतिविधि और प्रदर्शन पर रोक लगाने और उनका दमन करने पर आमादा है। गोरखपुर में दिशा छात्र संगठन द्वारा फिलिस्तीन में पिछले एक साल से जारी इजरायली बर्बरता के ख़िलाफ पोस्टर प्रदर्शनी लगाने पर दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज कर दी गयी है। दिशा छात्र संगठन के केन्द्रीय कार्यकारिणी की सदस्य अंजलि के साथ ही रूबी, दीपक, धर्मराज, सौम्या, अदिति और शेषनाथ पर मुक़दमा दर्ज कर दिया गया है। इनमें दो साथी अदिति और शेषनाथ इस कार्यक्रम में शामिल भी नहीं थे, लेकिन उनको भी फर्जी तरीक़े से फँसा दिया गया है। इसी तरह एफआईआर में किसी सुमन का भी नाम जोड़ दिया गया है जबकि सुमन नाम का कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल नहीं था।
दिशा छात्र संगठन ने कहा कि यह कार्यक्रम एक शान्तिपूर्ण पोस्टर प्रदर्शनी का कार्यक्रम था, जिसमें इलाक़े में नागरिकों के बीच पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर तथा पर्चे वितरित करके फिलिस्तीन में जारी जायनवादी नरसंहार के ख़िलाफ फिलिस्तीनी जनता के संघर्ष के पक्ष में खड़े होने का आह्वान किया जा रहा था। यह भी स्पष्ट है कि कार्यक्रम स्थल पर किसी तरह की धारा 144 जैसा कोई प्रावधान लागू नहीं था। इसके बावजूद गोरखपुर पुलिस द्वारा जानबूझकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए इस शान्तिपूर्ण प्रदर्शन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2) और 223 में मुक़दमा दर्ज कर दिया गया है ताकि गोरखपुर पुलिस सत्ता में बैठे अपने फासीवादी आकाओं को खुश कर सके। लेकिन इस एफआईआर से दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं के हौसलों पर कोई फर्क़ नहीं पड़ने वाला है। हम फिलिस्तीनी जनता के पक्ष में तथा हर तरह के न्यायपूर्ण सवालों पर अपनी आवाज ऐसे ही बुलन्द करते रहेंगे। हम गोरखपुर पुलिस से यह माँग करते हैं कि वह इस फर्जी एफआईआर को रद्द करे और दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बन्द करे।