गोरखपुर। डाॅक्टर-सिपाही विवाद में आज सिपाही पंकज कुमार को जमानत मिल गई। अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट न 6) पंकज श्रीवास्तव ने एक लाख रूपये के व्यक्तिगत बंधपत्र और एक-एक लाख के दो प्रतिभू पर जमानत देते हुए पंकज कुमार को रिहा करने का आदेश दिया।
सिपाही पंकज कुमार की जमानत पर अदालत ने तीन शर्तें भी लगायी है कि वे घटना से अवगत साक्षियों को डरायेगा, धमकायेगा नहीं तथा मामले के विचारण में सहयोग करेगा। विचारण के दौरान प्रत्येक तिथि पर न्यायालय में उपस्थित रहेगा, मामले के विचार में विलंब कारित नहीं करेगा और विचारण के दौरान साक्ष्यिों के उपस्थित होने पर बिना आवश्यक स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मामले को विलंबित नहीं करेगा।
अपर सत्र न्यायाधीश ने सिपाही पंकज कुमार की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि विवाद बिना नम्बर के दिखाने को लेकर हुआ या जांच की रिपोर्ट के फीस को लेकर हुआ, यह संदिग्ध है जिसमें दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। आवेदक अभियुक्त के साथ जाने वाले दो पुलिसकर्मियों को चिन्हित नहीं किया गया एवं उनका बयान अभी तक दर्ज नहीं किया गया है तथा बचाव पक्ष के अनुसार सी०सी०टी०वी फुटेज होने के बावजूद उसे विवेचना का अब तक भाग नहीं बनाया गया है। प्रथम दृष्टया डाॅफक्टर को आयी चोटें प्राणघातक प्रतीत नहीं होती हैं। घटना में प्रयुक्त हथौड़ी की बरामदगी की जा चुकी है। अतः मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए गुण-दोष पर अभिमत व्यक्त किये बिना आवेदक अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।
सिपाही पंकज कुमार पर चार अक्टूबर को डाॅ अनुज सरकारी के सिर पर हथौड़े से प्रहार करने का आरोप लगाया गया था। उसके खिलाफ कैंट थाने में मु०अ०सं०-552 2024 अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (2), 352, 351(3), 109, 333 के तहत केस दर्ज किया गया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
सिपाही पंकज कुमार को जमानत मिलने की खबर सुन भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह दीवानी कचहरी पहुंच गए और सिपाही का मुकदमा लड़ने वाले अधिवक्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ‘ आज सिपाही पंकज कुमार को जमानत मिली। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और मंत्री का अतुलनीय और सराहनीय योगदान रहा। मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं। पूंजीवाद पराजित हुआ, सत्य और न्याय की जीत हुई। ’