लखनऊ/गोरखपुर। भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने 23 अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से मिलकर गोरखपुर में डॉक्टर -सिपाही प्रकरण से अवगत करते हुए सिपाही पर हमले के आरोपी चिकित्सक दम्पत्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने आरोपी चिकित्सक के निजी चिकित्सालय को अवैध रूप से संचालित बताते हुए उसे सीज करने, अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे व डीवीआर जब्त कर सुरक्षित रखने तथा डा० माधवी सरकारी को निजी चिकित्सालय में योगदान देने व सिपाही के साथ किए गए दुर्व्यवहार को दृष्टिगत रखते हुए सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।
एमएलसी ने सिपाही की समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराने की भी मांग की।
एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने ज्ञापन में कहा है कि गोरखपुर महानगर में डा०अनुज सरकारी द्वारा पैडलेगंज में संचालित निजी गैस्ट्रो लीवर हॉस्पीटल, दिनांक 03.10.2024 को सिपाही पंकज कुमार अपनी पत्नी को दिखाने गए। डा०अनुज सरकारी ने उनकी पत्नी को देखा, एवं उनके द्वारा अल्ट्रासाउण्ड कराया गया। सिपाही द्वारा यह आपत्ति की गयी कि अन्य चिकित्सालयों में अल्ट्रासाउण्ड की फीस 800 रुपये ली जाती है, आपके यहाँ 1100 क्यों लिया गया। इस पर सिपाही पंकज कुमार को चिकित्सक और उनके स्टाफ द्वारा मार-पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। सिपाही पंकज कुमार का अधार कार्ड और पर्चा भी रख लिया गया। दूसरे दिन चार अक्टूबर को सिपाही पंकज कुमार अपना आधार कार्ड एवं पर्चा मॉगने गया तो डॉ सरकारी ने अपने स्टाफ से फिर पिटाई कर उसे लहूलुहान कर दिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि डा० सरकारी की पत्नी डा० माधवी सरकारी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक के रूप में नियुक्त है किन्तु वह मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएँ देने के बजाए अपने पति के प्राइवेट नर्सिंग होम में कार्य करती है। उन्होंने भी सिपाही को अपने स्टाफ से पिटवाया। अपने आपराधिक कृत्य को छिपाने के लिए डाक्टर दम्पत्ति ने अपने उपर पीड़ित सिपाही द्वारा हथौड़े से हमला करने की झूठी एवं मनगढंत कहानी पुलिस को बताकर जेल भिजवा दिया।