देवरिया। देवरिया में दो स्थानों पर बाईपास के लिए अधिग्रहीत की जा रही करीब 100 हेक्टेयर भूमि के मुआवजे के सवाल को लेकर किसानों तीन स्थानों -बरारी, पड़री और नवलपुर में मोर्चा लगते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सात दिन धरने के बाद नवलपुर में दीपवाली त्योहार को देखते हुए धरने को स्थगित किया गया है जबकि बरारी और पड़री में धरना लगातार 13 दिन से जारी है। किसानों ने आंदोलन को तेज करते हुए 11 नवंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है।
किसानों के आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन, भूमि बचाओ संघर्ष समिति और किसान संघर्ष समिति कर रही है।
किसानों की मांग के समर्थन में समाजवादी पार्टी ने 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था।
देवरिया जिले में वर्ष 2018 में देवरिया बाईपास और 2023 में सलेमपुर-नवलपुर बाईपास बनाने का निर्णय लिया गया। केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 12 जून 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देवरिया में एक कार्यक्रम में देवरिया बाईपस व सलेमपुर-नवलपुर बाईपास के साथ-साथ तीन राजमार्गों नवलपुर-सिकन्दरपुर, तमकुही-सलेमपुर और सलेमपुर-मैरवा के चौड़ीकरण कार्य का शिलान्यास किया।
अधिसूचना के अनुसार देवरिया बाइपास के लिए 27 गांवों की 27.522 हेक्टेयर भूमि तथा सलेमपुर-नवलपुर बाईपास के लिए 17 गांवों की 69.2889 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके अलावा नवलपुर-सिकन्दरपुर राजमार्ग के लिए 31 गांवों की 96.50 हेक्टेयर, तमकुहीराज-सलेमपुर राजमार्ग के लिए 8 गांवों की 0.827 हेक्टेयर और सलेमपुर-मैरवा राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए 16 गांवों की 3.3327 हेक्टेयर भूमि अध्रिग्रहीत की गई है।
देवरिया में जमीन का डीएम सर्किल रेट 2019-20 में निर्धारित किया गया था। उसके बाद अब 2024 में सर्किल रेट फिर से निर्धारित किया गया है लेकिन दोनों बाईपास के लिए किसानों के भूमि अधिग्रहण का मुआवजा 2019-20 के ही सर्किल रेट पर किया जा रहा है। किसानों को इस पर भी आपत्ति है और उनकी मांग है कि जब सर्किल रेट संशोधित हो चुका है तो नए सर्किल रेट के मुताबिक ही मुआवजे का निर्धारण होना चाहिए।
किसानों की सबसे बड़ी आपत्ति इस बात पर है कि मुआवजे के लिए इकाई गाटे को बनाया गया है। एक गाटे में कई किसानों की भूमि होती है। गाटे को इकाई मानते हुए मुआवजे का निर्धारण इस प्रकार किया गया है कि 101 एयर तक भूमि का ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना और नगरीय क्षेत्र में दो गुना मुआवजा दिया जा रहा है लेकिन 101 एयर के बाद मुआवजे में एक तिहाई (67 फीसदी) की कटौती कर ली जा रही है। किसानों का कहाँ है कि प्रशासन ग्रामीण कस्बों को अर्धनगरीय मानते हुए सर्किल रेट का दो गुना मुआवजा ही दे रहा है जो कि गलत है। भूमि अधिग्रहण के लिए जारी अधिसूचना में भी ग्राम शब्द का उपयोग किया गया है फिर यह वर्गीकरण क्यों किया जा रहा है ? इससे किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है।
किसान संगठनों का एतराज इस बात पर भी है कि मुआवजा का निर्धारण बाजार मूल्य के बजाय सर्किल रेट से किया जा रहा है जबकि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में कहा गया है कि बाजार मूल्य या सर्किल रेट में जो अधिक होगा, उसे ही मुआवजे का आधार माना जाएगा।
किसान संगठनों ने देवरिया में जिलाधिकारी कार्यालय पर 20 अगस्त को महापंचायत और 23 सितम्बर को प्रदर्शन कर अपनी मांग को पूरा करने की आवाज उठायी। इसके बाद आठ अक्टूबर को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ अपर जिलाधिकारी प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय, देवरिया बाईपास के सहायक अभियंता रोहित रमन, सलेमपुर-नवलपुर बाईपास के सहायक अभियंता सुमित सिंह ने बैठक की। बैठक में देवरिया बाईपास, और सलेमपुर-नवलपुर बाईपास के बारे में किसानों की मांग पर चर्चा हुई।
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि शासन स्तर से बताया गया है कि किसानों की मांग के अनुसार मुआवजा नहीं दिया जा सकता। किसानों की मांग के अनुसार मुआवजा देने पर देवरिया में बाइपास व फोर लेन की सभी छह परियोजनाओं के लिए 1200-1300 करोड़ रूपए खर्च करने पड़ेंगे। सड़क परिवहन मंत्रालय को इतना मुआवजा देना मंजूर नहीं है।
प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने 13 अक्टूबर को देवरिया के टाउनहाल में बैठक की। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 22 अक्टूबर से बैटलपुर के बरारी और देवरिया के पास पड़री में अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया गया। दो दिन बाद नवलपुर में भी किसान संघर्ष समिति ने धरना शुरू कर दिया।
पड़री और बरारी में 13 दिन से धरना चल रहा है जबकि नवलपुर में छठ बाद फिर धरना शुरू किया जाएगा।