समाचार

वाम दलों ने गृहमंत्री अमित शाह के वक्तव्य के खिलाफ मऊ में प्रदर्शन किया

मऊ। वामपंथी दलों ने गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ संसद (राज्यसभा) में दिए गए अपमानजनक वक्तव्य के खिलाफ 21 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्स के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा और मोदी सरकार से राष्ट्र से माफी की मांग की गई।

इस मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, मोदी सरकार व भाजपा ने संविधान और डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान किया है। गृह मंत्री के वक्तव्य से संविधान-विरोधी सोच रखने वाली मोदी सरकार का पर्दाफाश हो चुका है। डॉ. अंबेडकर रचित संविधान की शपथ लेकर उनका अपमान करने वालों ने करोड़ों-करोड़ देशवासियों को ठेस पहुंचाई है। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का हक नहीं है।

उन्होंने ने कहा कि संघ और भाजपा अंदरूनी तौर पर संविधान को नहीं मानते हैं। उनके लिए असल संविधान मनुस्मृति है। संघ जब डॉ. अंबेडकर लिखित संविधान लागू हो रहा था, तभी उसके खिलाफ था। वह आज भी इसके खिलाफ है। संघ-भाजपा संविधान को मानने का दिखावा करते हैं। मोदी सरकार के गुजरे साढ़े दस वर्षों में संविधान पर सर्वाधिक हमले हुए हैं। संविधान का वे कितना सम्मान करते हैं, इसकी असलियत जाने-अनजाने अमित शाह के वक्तव्य से सामने आ गई।

मार्क्सवादी काम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री अब्दुल अज़ीम खां ने कहा कि गुजरे लोकसभा चुनाव में देशवासियों और उत्तर प्रदेश वासियों ने यदि भाजपा को न रोका होता तो वह संविधान बदलने की ओर बढ़ चुकी होती। भाजपा को इसका मलाल है, जो अमित शाह के मुंह से राज्यसभा में अंबेडकर का अपमान करने वाले वक्तव्य के रुप में प्रकट हुआ। संविधान की प्रस्तावना में अंतर्निहित धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसे शब्द भी उसे टीस पहुंचाते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन शब्दों को हटाने की मांग हाल में खारिज किया जाना भी संघ-भाजपा की ‘ पीड़ा ‘ का कारण है। यह पीड़ा अमित शाह की जुबां से प्रकट हुई।

प्रदर्शन मे प्रमुख रूप से उ प्र किसान सभा के नेता कामरेड वीरेंद्र कुमार, एक्टू नेता शिव मूरत गुप्ता, जय प्रकाश धूमकेतु, विद्याधर कुशवाहा, हीरा, गोकुल, प्रधुमन यादव, रामसरन, साधू यादव, महानन्द, गुड्डू मास्टर, रामबली, कैलाश चौहान, रामबदन आदिवासी आदि शामिल रहे।

Related posts