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माइक्रोफाइनेंस के कर्ज पर भाकपा माले के सम्मेलन को प्रशासन ने बल प्रयोग कर रोका, नेताओं को हिरासत में लिया

कुशीनगर। भाकपा माले और अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा द्वारा 12 जनवरी को दुदही के सुराजी बाजार में माइक्रोफाइनेंस के कर्जों की वसूली के लिए उत्पीड़नात्मक कार्रवाई, बिजली बिल के सवाल को लेकर आयोजित कर्ज माफी सम्मेलन को पुलिस और प्रशासन ने बल प्रयोग कर रोक दिया। प्रशासन ने 11 जनवरी की शाम से भाकपा माले नेताओं के घर छापे मारने शुरू कर दिए और सुबह सुराजी बाजार में सम्मेलन में प्रतिभाग करने पहुंचे लोग को बल प्रयोग कर हटा दिया। दुदही रेलवे स्टेशन की घेराबंदी कर लोगों को सम्मेलन में नहीं जाने दिया गया। गोरखपुर से सम्मेलन को सम्बोधित करने जा रहे भाकपा माले राज्य स्थायी समिति के सदस्य राजेश साहनी, किसान नेता शिवाजी राय और जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह को पुलिस ने गुरूवलिया के आगे रोक दिया और उन्हें हिरासत में लेकर तमकुही उपजिलाधिकारी कार्यालय ले गई जहां घंटों बाद शाम को उन्हें जाने दिया गया।

अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और भाकपा-माले ने दुदही नगर पंचायत स्थित सुराजी बाजार में 12 जनवरी को विशाल कर्ज माफी सम्मेलन रखा था। सम्मलेन में माइक्रोफाइनेंस के कर्जों से ग्रामीण क्षेत्र में उत्पन्न विषम परिस्थिियों को विशेष मुद्दा बनाया गया था। सम्मेलन की तैयारी एक पखवारे से चल रही थी और इसमें किसान संगठनों, सामाजिक संगठनों, अधिवक्ता संगठनों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। सम्मेलन की सूचना तमकुहीराज के उपजिलाधिकारी और विशुनपुरा थाने को भी दी गई थी।

पुलिस ने 11 जनवरी को शाम को भाकपा माले के जिला प्रभारी परमहंस सिंह को फोन कर कहा कि वे सम्मेलन नहीं करें।जब श्री सिंह ने रोक लगाई जाने का लिखित आदेश मांगा तो उन्हें धमकी देते हुए पुलिस ने कहा कि किसी भी तरह से कार्यक्रम नहीं करना है। इसके बाद रात 11 बजे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी परमहंस सिंह के पांडेपुर स्थित घर पहुंच गए और दरवाजा खुलवाकर तलाशी ली। उस वक्त श्री सिंह घर पर नहीं थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनकी बीमार पत्नी के साथ अभद्रता करते हुए धमकी दिया कि यदि कार्यक्रम हुआ तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह बरवा बभनौली निवासी खेत एव ग्रामीण मजदूर सभा के संयोजक बिगु प्रसाद के घर रात में तीन बार पुलिस गई और गाली गलौच देते हुए धमकी दी। इसके साथ-साथ आसपास के गांव गरीबों की बस्तियों में भी पुलिस ने जाकर लोगों से सम्मेलन में न जाने की बात कही।

सम्मेलन को संबोधित करने जा रहे दुदही जाते समय गुरवलिया में भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कामरेड राजेश साहनी, किसान नेता शिवाजी राय और जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय महासचिव पत्रकार मनोज कुमार सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और एसडीएम कार्यालय तमकुही ले गयी। यहां पर उन्हें तीन बजे तक रोका गया। इसके बाद तहसीलदार ने आकर ज्ञापन लिया।
माले नेताओं को रोके जाने की खबर सुन भाकपा के वरिष्ठ नेता लल्लन राय, मतीउल्लाह एडवोकेट, सपा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के नेता विपिन सिंह तमकुहीराज तहसील पहुंच गए।

भाकपा माले नेता राजेश साहनी ने ज्ञापन देते हुए जनपद कुशीनगर के तमकुही तहसील, दुदही ब्लॉक सहित पूरे जिले में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा कर्ज देने व वसूली में आरबीआई गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए ग्रामीणों के उत्पीडन पर रोक लगाने, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के उत्पीड़न से पलायन किए हुए परिवारों की घर वापसी कराकर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने देने, घर से पलायन व आत्महत्या की स्थिति बनाने वाले माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के प्रबंधकों ,अभिकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कारवाई करने, माइक्रोफाइनेंस कम्मनियों द्वारा ग्रामीण गरीबों के दिए गए सभी कर्ज असम की भांति उत्तर प्रदेश में भी माफ करने, ग्रामीण गरीबों के सभी प्रकार के कर्ज माफ करने, ग्रामीण गरीबों के बकाया बिजली बिल माफ करने, बिजली विभाग के निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

श्री साहनी ने सम्मेलन को रोके जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर कर्ज माफी सम्मेलन से सरकार और प्रशासन इतना भयभीत क्यों हैं ? प्रशासन की कार्यवाही ग्रामीण गरीबों के सवालों को दबाने की कार्यवाही है। किसान नेता शिवाजी राय ने कहा कि आपातकाल जैसी स्थिति बनाकर जनता की जरूरी वाजिब सवाल रोका नहीं जा सकता। इसको लेकर आगे कार्यक्रम किया जाएगा और लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। सम्मेलन स्थान पर पहुंचे सैकड़ो महिला एवं पुरुषों ने कहा कि वे कर्ज से तंगहाल हैं।कोई रोजगार नहीं है। कर्ज वसूली के लिए माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के अभिकर्ताओं द्वारा तरह-तरह से अमानवीय उत्पीड़न किया जा रहा है।लोगों के लिए आत्महत्या की स्थिति बना दी गई है। बिजली बकाया बिल के लिए बिजली काटी जा रही है इसे हर हाल में हम सबको निजात चाहिए। सम्मेलन में शाामिल होने के लिए हृदय कुशवाहा, बैरिस्टर कुशवाहा, विदेश्वर खरवार, रीता देवी, रिंकू गुप्ता, वकील अहमद, वीरेंद्र शर्मा, राम लोट, लोरिक यादव,मनोरमा देवी सहित दर्जनों खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के कार्यकर्ता पहुंचे थे।

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