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उर्दू विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन में लेखकों ने यादें साझा की 

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में हीरक जयंती के अवसर पर  पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर शहर के कई अहम साहित्यकार और लेखक उपस्थित रहे।

विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम. आर रहमान ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि आयोजन में उपस्थित तमाम मेहमानों का विभाग से गहरा रिश्ता रहा है। हम अपने सभी अतिथियों का हृदय से अभिनंदन करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर के बुज़ुर्ग शायर अनवर जिया ने की। डॉ मु. अशरफ़ मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक हुए।  डॉ ज़ाकिर हुसैन और महबूब सईद हारिस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी ने अपनी पुरानी स्मृतियों और खूबसूरत यादों को एक दूसरे से साझा किया।

अनवर जिया ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्यमें कहा कि इस यूनिवर्सिटी को देख कर फख्र का एहसास होता है। हमने यहां से ज़िंदगी का सबक हासिल किया है। इस अवसर पर अपने गुरु जनों को याद करके भावुक हो रहा हूं। सीने में सैकड़ों यादें रोशनी की तरह झिलमिला रही हैं। उर्दू विभाग की तरक्की और खुश हाली के लिए मनोकामना करता हूं।

मुख्य अतिथि डॉ मु. अशरफ़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उर्दू विभाग देश भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। इस ने उर्दू के साहित्यिक पटल पर एक समृद्ध परंपरा कायम की है। मैं इस आयोजन का हिस्सा बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।

महबूब सईद हारिस ने कहा कि हम इस कैंपस की यादों को अपने दिल में बसा कर रखते हैं। मुझे इस मौक़े पर फैज़ अहमद फ़ैज़ का शेर याद आ रहा है- ‘ तुम्हारी याद के जब ज़ख्म भरने लगते हैं/किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते है। ‘

देवरिया से आए हुए साहित्यकार एवं आलोचक डॉ ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि हीरक जयंती का ये सिलसिला स्वागत योग्य है। उर्दू विभाग से हमारा जज़्बाती रिश्ता रहा है। हमने यहां से बहुत कुछ सीखा है। व्यक्तिगत तौर पर मैं विभाग का आभारी हूँ। मेरी दुआएं विभाग के साथ हैं। उर्दू विभाग में आयोजित इस एलुमनाई मीट मे जहीर अंजुम, डॉ सलमा बानो, डॉ तरन्नुम हसन, और डॉ जेबा वगैरह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पुरानी यादों को ताज़ा किया।

इस खास मौके पर डॉ ज़ाकिर हुसैन की पुस्तक ” उर्दू सहाफत का आग़ाज़-ओ-एरतेका ” का विमोचन हुआ। 16 फरवरी को उर्दू विभाग में आयोजित तमसीली मुशायरे में उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले तीन छात्रों को सम्मानित किया गया। एम. ए. के छात्र मुहम्मद राफे को प्रथम, बी.ए. की छात्रा सिमरन अंसारी को द्वितीय और एम. ए. की संजू वर्मा को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया।

कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डॉ साजिद हुसैन अंसारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ महबूब हसन ने किया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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