समाचार

मनरेगा मज़दूरी को 237 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए करने की मांग की

आज़मगढ़। मनरेगा योजना के 19 साल पूरे होने पर किसान मज़दूर संगठनों ने तीन फरवरी को श्रम एवं रोज़गार उपायुक्त, आज़मगढ़ राम उदरेज यादव को ज्ञापन सौंपा। किसान-मज़दूर संगठन मनरेगा योजना के 20वें साल में कार्यान्वयन और पारदर्शिता के लिए साल भर गांव-गांव में काम दो जागरूकता अभियान चलाएंगे।

मज़दूर-किसान नेताओं ने कहा कि मनरेगा भारत सरकार का रोज़गार देने वाला सबसे बड़ा कार्यक्रम है। मनरेगा योजना ने देश की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक मज़बूती देने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। मनरेगा ने मज़दूरों को जो ताकत दी है उससे न केवल गांव बल्कि राष्ट्र सशक्त हुआ है। ऐसे में इतनी महत्वपूर्व योजना के बजट में कटौती देश की प्रगति में बाधक होगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मनरेगा मज़दूरी दर, न्यूनतम मज़दूरी दर से भी कम है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए मज़दूरी 800 रुपए की जाए। मज़दूर-किसान नेताओं ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर खेलों के मैदान, सड़कों, तालाबों और नहरों का मनरेगा के अंतर्गत निर्माण किया जाए।

किसान नेता राजीव यादव, जागृत समाज संगठन के राज शेखर, सोशलिस्ट किसान सभा आज़मगढ़ नगर प्रभारी अवधेश यादव, एनएपीएम से अधिवक्ता विनोद यादव, सतीश प्रजापति और राजेश प्रजापति ने ज्ञापन सौंपा।

Related posts