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ओबीसी पार्टी ने तेलंगाना जाति जनगणना की विसंगतियों पर सवाल उठाया, राष्ट्रपति को पत्र लिखा

नई दिल्ली। ओबीसी पार्टी ( वन भारत सिटीजन पार्टी ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष काली शंकर यदुवंशी ने तेलंगाना की जाति जनगणना 2024 में पाई गई गंभीर विसंगतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा और जातीय गणना में संभावित हेरफेर या डेटा विसंगतियों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

काली शंकर यदुवंशी ने पत्र में 2014 के व्यापक घरेलू सर्वेक्षण  और 2024 की जाति जनगणना के तुलनात्मक आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछड़े वर्गों (BC) और अनुसूचित जातियों (SC) की आबादी में भारी गिरावट देखी गई है, जबकि अगड़ी जाति (OC) की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि तेलंगाना जाति जनगणना 2024 में बीसी (Backward Classes) की आबादी  2014 में 1,85,61,856 (51%) से घटकर 2024 में 1,64,09,179 (46.25%) हो गई है। इसी तरह अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या में 2014 में 63,60,158 (18%) से घटकर 2024 में 61,84,319 (17.43%) हो गई, यानी 1,75,839 की कमी दर्ज की गई है।

अगड़ी जाति (OC) की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दिखाई गई है। आंकड़ों में बताया गया है कि अगड़ी जाती की आब्दि 2014 में 31,29,160 (8%) से बढ़कर 2024 में 47,19,115 (13.31%) हो गई। एक दशक में 15,89,955 की वृद्धि है जो बेहद असामान्य प्रतीत होती है।

काली शंकर यदुवंशी ने सवाल उठाया कि क्या जाति आधारित जनसंख्या गणना में कोई प्रशासनिक त्रुटि हुई है या फिर यह किसी गहरी साजिश का हिस्सा है? उन्होंने आशंका जताई कि क्या पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के लोगों की जनसंख्या को जानबूझकर कम दिखाया गया है, जिससे उन्हें राजनीतिक और सामाजिक हाशिए पर डाला जा सके?

राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में काली शंकर यदुवंशी ने मांग की है कि सरकार इस मामले की गहन जांच करवाए और यह सुनिश्चित करे कि जातिगत जनगणना के आंकड़े सही और पारदर्शी हों।

उन्होंने कहा कि ओबीसी पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेगी। यदि सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती है, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने और कानूनी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी।

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